भारत के EVM पर विदेश में भी सवाल, बोत्सवाना के कोर्ट ने दिया चुनाव आयोग को हाजिर होने का आदेश
EVM की विश्वसनीयता पर विपक्ष की चिंता को विदेशों में भी आवाज मिली है। अफ्रीका के बोत्सवाना में इस वक्त जबर्दस्त सियासी बहस चल रही है कि चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल किया जाए या नहीं। ये ईवीएम भारत में बनाये गये हैं। देश की मुख्य विपक्षी दल बोत्सवाना कांग्रेस पार्टी सरकार के उस फैसले का विरोध करते हुए कोर्ट गई है जिसके तहत सरकार नियमों को बदलकर चुनाव में ईवीएम इस्तेमाल करना चाहती है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बोत्सवाना की सरकार और चुनाव आयोग ने भारत के चुनाव आयोग से दरख्वास्त की है कि वे वहां के अदालत में हाजिर हों और अदालत को बताएं की ईवीएम मशीनों के साथ किसी किस्म की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। बोत्सवाना की सरकार चाहती है कि भारत का चुनाव आयोग कोर्ट में दिखाये कि ईवीएम और वीवीपैट मीशन कैसे काम करता है, और इसमें छेड़छाड़ संभव नहीं है। बुधवार (30 मई) को बोत्सवाना का एक प्रतिनिधिमंडल नयी दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचा और ईवीएम के कुछ सैंपल मांगे।
ये पहली बार नहीं है जबकि भारत में बने वोटिंग मशीनों पर बोत्सवाना में विवाद हुआ है। 2017 में खबरें आई थी कि बोत्सवाना में EVM हैकाथॉन आयोजित किया गया था। 2017 में भारत में भी कई राजनीतिक दलों ने EVM पर सवाल उठाये थे। भारत में भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप के दूसरे नेताओं ने कहा था कि जब बोत्सवाना में ईवीएम को सार्वजनिक रूप से टेस्ट किया जा सकता है तो भारत में क्यों नहीं। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि जिन ईवीएम मशीनों से वहां हैकाथॉन किया गया था, वो ईवीएम मशीनें भारत में नहीं बनीं थीं। सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड ने कहा था कि वह सिर्फ ये बता सकता है कि ये मशीनें कैसे काम करती हैं। बता दें कि ईवीएम बनाने वाली दो कंपनियों में से एक भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड भी शामिल है।
बता दें कि भारत में विपक्षी दल लंबे समय से EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती रही हैं। 28 मई को कैराना समेत कई उपचुनाव में सपा, आरएलडी और एनसीपी ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे। उस दिन चुनाव आयोग ने कहा था कि भीषण गर्मी की वजह से कई वीवीपैट मशीनों में गड़बड़ी आ गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ईवीएम पर सवाल लोकतंत्र की नींव को कमजोर कर रही है।