लाल किला की हुई सफाई: धूल के बोझ से ढहने वाला था वो ह‍िस्‍सा, जहां से भाषण देते हैं पीएम

लाल किले की जिस ऐतिहासिक प्राचीर से देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति देश को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर संबोधित करते थे, वह ढहने वाली थी। ये दावा लाल किले के उस हिस्से की साफ-सफाई के बाद किया गया है। एएसआई ने लाल किले की दीवारों से अब तक 25 लाख किलो धूल-मिट्टी हटाई है। पिछले 5 महीने से सरकारी अमला लाल किले की साफ-सफाई में जुटा हुआ था।

मिट्टी हटाने में लगे पांच महीने: दरअसल लाल किले की छत से 25 लाख किलो धूल मिट्टी हटाई गई है। मिट्टी की ये परत करीब 2 मीटर ऊंची ​थी। इस पूरी मिट्टी को हटाने में एएसआई को पांच महीने का वक्त लग गया। अधिकारियों के मुताबिक अगर अभी भी इस मिट्टी को नहीं हटाया जाता तो लालकिले की प्राचीर धूल के बोझ तले ढह जाती। ये वही प्राचीर है जहां से प्रधानमंत्री हर साल स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देते हैं। धूल की ये परतें करीब 100 साल पुरानी हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों ने बताया,”करीब 100 साल से देखरेख के अभाव और मौसम के कारण धूल की परत छत पर जम रही थी। ये हिस्सा मुख्य लाहौरी गेट की छत वाला हिस्सा था। अभी तक कभी भी इसकी साफ-सफाई नहीं करवाई गई थी। इसी वजह से धूल और कचरा ठोस होकर छतों पर जमने लगा था।” पुरातत्व विभाग ने लाल किले की मरम्मत के लिए एक साल का वक्त मांगा है।

बदला-बदला दिखेगा लाल किला: अपने सफाई अ​भियान में पुरातत्व विभाग लालकिले के अंदर लगने वाली मार्केट का स्वरूप बेहतर करेगा। यहां पीने के पानी, वाशरूम वगैरह की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी। इसके अलावा तमाम दीवारों पर प्लास्टर की कई-कई परतें जम गई थीं, जिसकी वजह से दीवारों पर बनीं मुगल काल की पेंटिंग्स दिख ही नहीं रही थीं। प्लास्टर की इन परतों को धीरे-धीरे हटाया जाएगा, ताकि पेंटिंग्स को नुकसान ना हो। पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 60 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। पुरातत्व विभाग के दिल्ली सर्किल के इंचार्ज एनके पाठक के मुताबिक,”लाहौरी गेट में जमी इस मिट्टी की नमी से किले की दीवारों को भी नुकसान हो रहा था। गेट के दोनों तरफ से अब तक 25 लाख किलो मिट्‌टी हटाई जा चुकी है। अब गेट पर सैंडस्टोन लगाए जाएंगे, ताकि दीवार में नमी न जाए।”

अंग्रेजों ने भरवाई थी मिट्टी: पुरातत्व विभाग के अधिकारी मानते हैं कि करीब 100 साल पहले अंग्रेजो ने लाहौरी गेट और दिल्ली गेट के पास मिट्‌टी भरकर इसे ऊंचा बना दिया था, ताकि दोनों गेटों से चांदनी चौक पर नजर रखी जा सके। तबसे ये मिट्‌टी यूं ही जमी रही। इस पर और धूल जमती रही। 2 साल पहले लालकिले के दिल्ली गेट की भी मिट्‌टी हटाई गई थी। इसके बाद से ही लाहौरी गेट की भी मिट्‌टी हटाने की योजना बन रही थी। पुरातत्व विभाग ने इसके लिए गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी थी।

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