कांग्रेस में महामंथन- जितने राज्य, उतनी नीति और उतने ही गठबंधन

हालिया उप चनावों में विपक्षी एकजुटता के सामने बीजेपी का गढ़ ढहने और विपक्षी दलों की लगातार जीत से उत्साहित कांग्रेस ने आज (01 जून को) कहा कि हर प्रदेश की स्थिति के हिसाब से गठबंधन की नीति तय होगी, हालांकि हर जगह मकसद यही होगा कि भाजपा विरोधी मतों का बंटवारा नहीं हो। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘क्षेत्रीय स्तर पर सोच-समझ कर और रणनीतिक रूप से गठबंधन होता है। उद्देश्य एक ही रहेगा। उद्देश्य है कि भाजपा के विरुद्ध वोट का बंटवारा न हो या न्यूनतम हो। इसके लिए अलग-अलग प्रदेश में अलग-अलग नीति होगी और किस प्रदेश में किसके साथ सहमति बनेगी, इसके लिए आपको इंतजार करना होगा।’’ बता दें कि इस साल के अंत तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में विधान सभा चुनाव होने हैं। तीनों राज्यों में कांग्रेस समान विचारधारा वाली पार्टियों खासकर सपा-बसपा से दोस्ती करने को तैयार है।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के एक बयान के संदर्भ में सिंघवी ने कहा, ‘‘मुझे पता नहीं है कि स्वामी भाजपा में हैं या नहीं हैं। लेकिन जो भाजपा के साथ हैं, उनकी बात करिए। अभी पिछले तीन दिनों में आपने सुना कि शिवसेना क्या कह रही है, भाजपा के एक पूर्व सांसद क्या कह रहे हैं? आपने सुना कि अकाली दल कुछ दबी आवाज में क्या कह रहा है, आपने देखा है कि टीडीपी ने क्या कर दिया और क्या कह रहे हैं?’’
किसानों से जुड़े मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया, ‘‘यह सरकार किसानों के खिलाफ एक प्रकार का षड्यंत्र कर रही है। किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और कहा जा रहा है कि 2022 में उनकी आय दोगुनी हो जाएगी। आय में मौजूदा विकास दर 1.9 या 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष है और इस हिसाब से 2052 में भी आय दोगुनी नहीं हो पाएगी। नरेंद्र मोदी ने 2014 के चुनावों में अपनी रैलियों में कहा था कि उनकी सरकार बनी तो किसानों की आय दोगुनी कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि किसानों के उनके उपज का वाजिव मूल्य देने के लिए सरकार लागत मूल्य में 50 फीसदी जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य देगी लेकिन चार सालों में मोदी सरकार ने ऐसा नहीं किया। इससे देशभर के किसान भी आंदोलनरत हैं।