योगी आदित्यनाथ ने श्वेत पत्र के जरिए विपक्षी दलों पर साधा निशाना, कहा- पिछली सरकारों की नीयत में थी खोट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को श्वेतपत्र जारी करते हुए पिछली सरकारों पर प्रदेश को बदहाल करने का आरोप लगाया। योगी ने साफ तौर पर कहा कि पिछली सरकारों की नीयत में खोट थी, इसीलिए विकासपरक योजनाओं का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और भ्रष्टाचारियों को खूब प्रश्रय मिला। योगी ने लोकभवन में श्वेतपत्र जारी करते हुए मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान उनके साथ दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा मौजूद थे।
योगी ने कहा, “पिछली सरकार ने विकास पर रोक लगा दी, भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया। अब हमारी जिम्मेदारी है कि उन कमियों के बारे में जनता को बताएं कि किस तरह 12 से 15 वर्षो में प्रदेश के अंदर भ्रष्टाचार की एक अनंत श्रृंखला बनती चली आ रही है।” उन्होंने कहा, “पिछली सरकार ने संवेदनशीलता दिखाने के बजाय भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दिया। उनकी नीयत भी ठीक नहीं थी। इसीलिए हम श्वेतपत्र जारी कर रहे हैं। सरकार एक-दो दिन के भीतर ही छह माह की उपलब्धियों को लेकर भी जनता के बीच आएगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह पिछली सरकार का ही कारनामा है कि प्रदेश में सभी पीएसयू बंद हो चुके हैं। पिछली सरकार जनता के प्रति जवाबदेह नहीं थी। हम जनता के प्रति पूरी तरह से जवाबदेह हैं, इसीलिए 100 दिन के कामकाज का ब्योरा लेकर जनता के बीच आए थे और फिर छह महीने का भी ब्योरा देंगे।” योगी से जब यह पूछा गया कि उन्होंने श्वेतपत्र में 15 वर्षों के पहले की सरकारों को क्यों नहीं शामिल किया, इसका वह ठोस जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने केवल इतना कहा कि सरकार ने 12 से 15 वर्षो पर ही अपना ध्यान केंद्रित किया है।
उन्होंने कहा कि अब से पहले उप्र में पिछले 12 वर्षो से गैरजिम्मेदार और भ्रष्ट सरकारें रही हैं। इसीलिए प्रदेश के ऊपर वित्तीय बोझ काफी बढ़ गया है। श्वेतपत्र में बताया गया है कि किस तरह से विकास की योजनाओं पर अंकुश लगाया गया और भ्रष्टाचारियों को प्रश्रय दिया गया। सरकार ने श्वेतपत्र में कहा है कि 19 मार्च के बाद से ही उप्र में सरकार बनने पर विरासत में मिली अराजकता, गुंडागर्दी और अपराध का वातावरण मिला। ध्वस्त कानून व्यवस्था की वजह से निवेशक और व्यापारी उप्र में अपना कारोबार संचालित नहीं कर पा रहे थे।
किसानों की बदहाली के लिए भी सरकार ने पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है। श्वेतपत्र में कहा गया है कि पिछली सरकारों के दौरान किसानों की हालत बद से बदतर होती चली गई। किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य न मिलने एवं चीनी मिलों द्वारा समय पर भुगतान न किए जाने कारण गन्ना किसानों की हालत खराब हो गई। बिजली को लेकर भी योगी सरकार ने अपने श्वेतपत्र में पिछली सरकारों पर जमकर हमला बोला है। पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के केवल दर्जनभर जिलों तक ही बिजली की आपूर्ति को सीमित कर दिया गया। पूरे राज्य में सड़कों के रखरखाव एवं मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।