मध्य प्रदेश में वोटर आईडी कार्ड का फर्जीवाड़ा: एक ही तस्वीर से अलग-अलग नामों के कई वोटर आईडी
वोटर आईडी कार्ड को लेकर मध्य प्रदेश में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। दरअसल यहां एक ही तस्वीर से अलग-अलग नामों के कई वोटर आईडी कार्ड मिले हैं। इस मामले में एक व्यक्ति की तस्वीर पर अलग-अलग नामों से 23 वोटर आईडी कार्ड पाए गए हैं। हैरानी की बात है कि कई कार्ड में तो तस्वीर पुरुष की है और नाम महिलाओं के लिख दिए गए हैं। इसी तरह एक महिला की तस्वीर वाले करीब 36 वोटर आईडी कार्ड मिले हैं। इन पर भी नाम अलग और उम्र अलग-अलग हैं। यह सिर्फ कुछ वोटर आईडी कार्ड की बात नहीं है, बल्कि इस तरह के कई वोटर आईडी कार्ड मिले हैं। एनडीटीवी की इस खबर के अनुसार जब इस फर्जीवाड़े के संबंध में चुनाव आयोग से बात की गई तो उन्होंने भी गलती मानी है और इसे तुरंत दूर करने की बात कही है।
कांग्रेस का आरोप सरकार के इशारे पर हो रहा फर्जीवाड़ाः इस फर्जीवाड़े पर मध्य प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि सरकार ने प्रशासन के माध्यम से यह फर्जीवाड़ा किया है। कांग्रेस के अनुसार, इस तरह के फर्जी वोटर की संख्या मध्य प्रदेश में 60 लाख तक हो सकती है। गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश में 26 प्रतिशत नए मतदाता जुड़े थे, जबकि अमूमन यह संख्या 10 प्रतिशत के करीब होती है। कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इन नए मतदाताओं की वजह से ही भाजपा सत्ता में आयी थी और अब एक बार फिर यही कोशिश की जा रही है।
भाजपा ने की जांच की मांगः वहीं सत्ताधारी भाजपा ने भी इस मामले में जांच की मांग की है। भाजपा का कहना है कि अभी तक माना जाता था कि वोटर लिस्ट को कोई ब्रेक नहीं कर सकता, तो फिर अब ऐसा कौन सा सॉफ्टवेयर आ गया जो यह ब्रेक हो गया। भाजपा ने यह भी कहा कि सरकार और सरकारी अमले का इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है। वहीं चुनाव आयोग अधिकारियों से जब इस बारे में बात की गई तो चुनाव आयोग ने अपनी गलती मान ली है और जल्द ही इसमें सुधार की बात की है।