वेटिंग ई-टिकट वालों को भी मिल सकती है ट्रेन में बर्थ? सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की रेलवे की अपील
ऐसे रेलवे यात्री, जिनके पास ई-टिकट है और उनका नाम वेटिंग लिस्ट में शामिल है, अब उन्हें भी ट्रेन में यात्रा करने का अवसर मिल सकता है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रेलवे की अपील खारिज कर दी है। बता दें कि साल 2014 में एक दायर याचिका के जवाब में दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि काउंटर टिकट धारकों की तरह वेटिंग वाले ई-टिकट वालों का भी टिकट कैंसिल नहीं होना चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने रेलवे के आदेश दिया है कि वह जल्द ही ऐसा प्लान बनाए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि फर्जी नामों से टिकट बुक कराने वाले एजेंट्स पर रोक लगायी जा सके, ताकि बाद में ये सीटें वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को ज्यादा पैसे लेकर दी जा सकें।
बता दें कि अभी तक नियम था कि ई-टिकट वालों को ट्रेन में सफर करने की इजाजत नहीं थी, जबकि काउंटर टिकट रखने वाले लोगों पर रोक नहीं लगायी जाती थी। यदि कोई कन्फर्म टिकट वाला यात्री नहीं आता था, तब वेटिंग वालों को सीट आवंटित कर दी जाती थी। जस्टिस मदन बी लोकुर की खंडपीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने वाली रेलवे की याचिका खारिज कर दी है। रेलवे की याचिका इसलिए भी खारिज की गई क्योंकि रेलवे की तरफ से सुनवाई के दौरान कोई भी वकील कोर्ट नहीं पहुंचा। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर भी जल्द अमल करने आदेश दिया है, जिसमें ई-टिकट और काउंटर टिकट के बीच का अंतर खत्म करने की बात कही गई थी। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलवे को यह सुझाव भी दिया था कि चार्ट को अंतिम रुप से तैयार करते समय वेटिंग वाले ई-टिकट को कैंसिल ना किया जाए, ताकि वो भी यात्रा कर सकें। कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि काउंटर टिकट वाले यात्रियों को ई-टिकट वाले यात्रियों की तुलना में वरीयता दी जाए।