लोकसभा के तीन अधिकारियों के घर दिनदहाड़े हुई चोरी
राजधानी के आम घरों में तो चोरी की वारदातें होती ही रहती हैं, लेकिन अब अति सुरक्षित माने जाने वाले लोकसभा के आवासीय परिसर भी महफूज नहीं रह गए हैं। संसद के आवासीय परिसर के तीन फ्लैटों पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया है। ताज्जुब यह है कि चोरों ने संसद के सहायक सुरक्षा अधिकारी राजीव प्रसाद के घर को भी नहीं बख्शा और ताले तोड़कर उनके घर के बहुमूल्य सामान पर हाथ साफ कर दिया। चोरी की यह वारदात तब हुई जब अधिकारी सुबह लोकसभा में अपने दफ्तर के लिए निकल चुके थे। वीवीआइपी माने जाने वाले इस आवासीय परिसर में सीसीटीवी नहीं लगे हैं। सीसीटीवी लगाने के लिए स्थानीय सांसद मीनाक्षी लेखी को कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं। आरकेपुरम थाना में इस बाबत एफआइआर दर्ज कराई गई है। पुलिस की फोरेंसिक टीम ने तीनों फ्लैटों से उंगलियों के निशान और अन्य सबूत लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
राजधानी दिल्ली में चोरी की वारदातें आम हैं। ताजा मामला लोकसभा सचिवालय आवासीय परिसर का है। चोरों ने यहां ऐसे घरों को निशाना बनाया, जहां सुबह 10 बजे तक अधिकारी अपने दफ्तर चले गए। शाम को जब वे वापस लौटे तो चोरी का पता चला और पुलिस को सूचना दी गई। इस परिसर में लोकसभा में कार्यरत ग्रेड ए और बी के 184 अधिकारियों के फ्लैट हैं। परिसर के दो गेटों पर छह सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। इसके बावजूद दिनदहाड़े हुई चोरी की वारदातों से यहां रहने वाले लोग सहमे हुए हैं। उन्हें डर सताने लगा है कि जब दिन में ही चोरी हो रही है तो रात में तो और भी कोई बड़ी वारदात हो सकती है।
दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के आरकेपुरम सेक्टर-2 स्थित लोकसभा आवासीय परिसर के आरडब्लूए के सचिव निशांत मेहरा ने बताया कि साल 2015 में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इस परिसर का उद्घाटन किया था। यहां बने 184 फ्लैटों में दो ग्रुपों ए और बी के राजपत्रित अधिकारी अपने परिवार के साथ रहते हैं। गुरुवार को टाइप-3 के तीन फ्लैटों 401, 402 और 403 में ताला तोड़कर चोरों ने बहुमूल्य सामान और नकदी चोरी कर ली। परिसर की चौथी मंजिल के फ्लैट नंबर-401 में रह रहे राजीव प्रसाद संसद में सहायक सुरक्षा अधिकारी हैं। फ्लैट नंबर 402 में संजीव भगत और 403 में वंदना ग्रोवर डावर रहती हैं। वे दोनों भी राजपत्रित अधिकारी हैं। वंदना ग्रोवर ने आरकेपुरम थाने में लिखाई एफआइआर में कहा है कि वारदात के दिन सुबह 10.05 बजे वे अपने घर से संसद भवन के लिए निकलीं। शाम 7.30 बजे जब वे वापस घर पहुंचीं तो मुख्य दरवाजे का ताला टूटा हुआ था और फ्लैट के दोनों कमरों में सामान बिखरा हुआ था। तभी उन्होंने देखा कि तीसरी मंजिल के फ्लैट नंबर-401 व 402 के ताले भी टूटे हुए थे। इन फ्लैटों में रहने वाले उनके दो पड़ोसियों के घरों का सामान भी बिखरा पड़ा था।