बलात्कार का शिकार दिल्ली की 20 साल की दिव्यांग लड़की ने हारकर किया केस वापस लेने का फ़ैसला

दो हफ्ते पहले कुछ लोगों द्वारा रेप करने के बाद व्यवस्था से हारी करोलबाग की एक दिव्यांग लड़की ने पुलिस में जारी केस को वापस लेने का निर्णय लिया है। पीडि़ता ने यह फैसला पूरे मामले पर चाचा द्वारा फांसी लगाने के बाद लिया है।
बता दें कि दो हफ्ते पहले 20 साल की दिव्यांग लड़की से कुछ लोगों ने मिलकर दिल्ली के करोलबाग इलाके में बलात्कार किया था। इस घटना के बाद लड़की के चाचा ने खुद को फांसी लगा ली। बता दें कि लड़की का चाचा एक रिक्शाचालक था जिसपर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। वह पीडि़ता और उसकी 55 साल की मां के साथ रहता था। इस पूरे मामले पर पीडि़ता का कहना है कि चाचा की मौत के बाद अब उन्हें किसी से भी मदद की उम्मीद नहीं है और अब ना ही उन्हें घर चलाने के लिए कोई उपाय सूझ रहा है। क्योंकि उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है।

पीडि़ता ने आगे कहा कि अब यहां हमारा कोई नहीं है, तो हम गांव चले जाएंगे। पुलिस ने जितना संभव था उतना किया। अब हम सबके लिए बढि़या है कि हम अपना केस वापस लें। हमारे पास तो खाने और पैसे की भी कमी है। इस स्थिति में केस लड़ना समझ से परे है।

बता दें कि पीडि़ता का चाचा गुरुवार की सुबह पांच बजे एक पेड़ पर फांसी लगाते मिला। पीडि़ता की मां ने बताया कि पुलिस स्टाफ मृत बॉडी को ले गए हैं और इसके बाद उनसे कोई बात नहीं हो पाई है।

पीडि़ता की मां ने आगे कहा कि हम नहीं जानते कि शरीर पर दावा कैसे करें। हमें किसी की जरूरत है। हमें लगता है कि हम उनके शरीर को बिना किसी दावे के गिना जाएगा और पुलिस द्वारा ही मृत शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें कि 4 मई को पीडि़ता का रेप किया जब उसकी बाहर गई थी जबकि उसके चाचा अपने काम पर थे।

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