दिल्ली में आग बुझाने के लिए अब किया जाएगा रोबोट का इस्तेमाल, विभाग रोबोट खरीदने की तैयारी में
निर्भय कुमार पांडेय
दिल्ली में आग बुझाने के लिए अब रोबोट का इस्तेमाल किया जाएगा। गर्मी बढ़ने के साथ-साथ राजधानी में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। गर्मी में आग लगने की वजह से आसपास का तापमान भी कई गुना बढ़ जाता है, जिसके कारण दमकल कर्मचारियों को आग बुझाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार दमकल कर्मचारी आग की चपेट में आने से झुलस भी जाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए दिल्ली दमकल विभाग रोबोट खरीदने की तैयारी कर रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस दिशा में कई अहम फैसले भी लिए जा चुके हैं।
दिल्ली अग्निशमन विभाग के द्वितीय फायर अधिकारी विपिन कैंटल ने बताया कि विभाग की ओर से जल्द ही वैश्विक टेंडर निकाला जाएगा। उसके बाद दुनियाभर की जो भी कंपनियां इसमें दिलचस्पी दिखाएंगी, उनके साथ करार करके रोबोट खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के कुछ देशों में आग पर काबू पाने के लिए रोबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर विभाग रोबोट खरीदने में कामयाब हो जाता है तो दिल्ली अग्निशमन देशभर में पहला विभाग होगा, जिसके पास आग बुझाने के लिए रोबोट होगा। उन्होंने दावा किया है कि इस साल के अंत तक रोबोट विभाग के बेड़े में शामिल हो जाएगा।
भूतल और तंग गलियों में मिलेगी मदद
विपिन कैंटल ने आगे बताया कि इस रोबोट से जहां औद्योगिक और रिहायशी इलाकों में बने बेसमेंट में लगी आग बुझाने में मदद मिलेगी। वहीं, भीड़भाड़ वाले और संकरे इलाकों में भी मदद मिलेगी, जहां आग लगने के बाद दमकल की गाड़ियां पहुंच नहीं पातीं। उनका कहना है कि आग के बाद उस जगह का तापमान कई गुना बढ़ जाता है। इस कारण कर्मचारी पास न जाकर दूर से ही आग बुझाने की कोशिश करते हैं। आग की लपटें जब तक शांत नहीं होतीं, तब तक पास जाकर आग बुझाना मुश्किल होता है।
विदेशों में हो रहा है इस्तेमाल
अधिकारी ने बताया कि जर्मनी और चीन के अलावा कुछ गिने-चुने देशों में ही आग बुझाने के लिए रोबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही एक नई तकनीक आ गई है, जिसे आर्टिक्यूलेटेड आर्म्स कहते हैं। इस तकनीक से वहां पर भी आग बुझाई जा सकती है, जहां पर पहुंच पाना आसान नहीं होता। अग्निशमन विभाग रोबोट के साथ-साथ इस उपकरण को भी खरीदने पर विचार कर रहा है।
70 मीटर की ऊंचाई तक आग बुझाने की क्षमता
अधिकारी कहते हैं कि दिल्ली अग्निशमन विभाग के बेड़े में अभी भी कई ऐसे उपकरण हैं, जिसकी मदद से आग पर काबू पाया जाता है। फिलहाल बेड़े में ऐसे हाइड्रोलिक प्लेटफार्म हैं, जिसकी मदद से 70 मीटर ऊंची इमारत में लगी आग बुझाई जा सकती है। साथ ही वहां फंसे लोगों को भी बचाया जा सकता है। विभाग के पास तीन तरह के वाटर टेंडर ( छह पहिए वाले वाटर टेंडर, 10 पहिए वाले वाटर बाउजर, स्मॉल वाटर टेंडर और क्विक रिएक्शन टेंडर) हैं। बुलेट और छोटे वाहन भी हैं, जिन से तंग और संकरी गलियों में लगी आग पर काबू पाया जाता है। फिलहाल राजधानी में 60 दमकल केंद्र हैं, जबकि एक दर्जन से अधिक नए केंद्र बनाए जाने की योजना भी है।
इन इलाकों में अक्सर लगती है आग
अधिकारी बताते हैं कि गर्मी में नरेला, बवाना व अलीपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में बने कारखानों में अक्सर आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं। इसके अलावा सुल्तानपुरी, मंगोलपुरी, पुरानी दिल्ली और चांदनी चौक में अवैध रूप से संचालित होने वाले कारखानों में भी आग ज्यादा लगती है। कई बार आग पर काबू पाने के लिए कर्मचारियों और अधिकारियों को 24 से 72 घंटे तक मशक्कत करनी पड़ती है। आग बुझने में देरी की वजह से लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।