CIC ने PMO से पूछा- बताएं कोहिनूर हीरा वापस लाने के लिए क्या किया
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने कोहिनूर हीरे जैसी बहुमूल्य वस्तुओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय (पीएमओ) और विदेश मंत्रालय से सवाल पूछे हैं। सीआईसी ने निर्देश देते हुए कहा है कि सरकार बताए कि आखिर कोहिनूर हीरे, महाराजा रंजीत सिंह की सुनहरी तलवार, शाहजहां का हरिताश्म का मदिरा का प्याला और टीपू सुल्तान की तलवार को भारत वापस लाने के लिए कौन से प्रयास किए गए।
आपको बता दें कि ये सारी बेहद पुरानी और बहुमूल्य चीजें सालों से भारतीय गर्व का हिस्सा मानी जाती रही हैं। इन्हें साम्राज्यवादी ताकतें और आक्रमणकारी अपने साथ ले गए थे, जो आज दुनिया भर के संग्रहालयों में आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। सीआईसी की इस टिप्पणी से पहले इस संबंध में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत बी.के.एस.आर अय्यंगकर नाम के शख्स ने जानकारी मांगी थी।
उन्होंने आरटीआई में देश के सम्मान, शान और गर्व से जुड़ी इन बहुमूल्य वस्तुओं को वापस लाए जाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में पूछा था। अय्यंगकर ने सुल्तानगंज बुद्ध, नस्साक हीरा, अमरावती की रेलिंग, बुद्धापेड, वाग्देवी पत्थर और टीपू का मैकेनिकल बाघ के बारे में सरकार से सवाल किए थे।
पीएमओ और विदेश मंत्रालय ने यह आरटीआई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के पास बढ़ा दी। ऐसे में विभाग का जवाब आया कि इन चीजों को देश वापस लाना उसके अधिकारक्षेत्र में नहीं आता। वह सिर्फ उन चीजों को दोबारा देश लाने के प्रयास करता है, जो प्राचीन वस्तु एवं कला संपदा अधिनियम, 1972 का उल्लंघन कर अवैध तरीके से विदेश ले जाई गई हों।
सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने पूछा कि इसे पीएमओ या फिर संस्कृति मंत्रालय में क्यों नहीं दिया गया। ये चीजें देश की हैं और भूत, वर्तमान और भविष्य में लोग इन्हें पाने में अभिरुचि जाहिर करेंगे। नतीजतन सरकार इस बाबत किसी चीज को नजरअंदाज नहीं कर सकती।