किसानों के आंदोलन को पब्लिसिटी स्टंट कहने वाले कृषि मंत्री पर केस, नागपुर में सड़कों पर बहाया गया दूध
किसानों के आंदोलन को पब्लिसिटी स्टंट बताने वाले कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। समाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने बिहार के मुजफ्फरपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में राधामोहन के खिलाफ केस दर्ज किया है। दरअसल, देश में हो रहे किसान आंदोलन का मजाक बनाते हुए कृषि मंत्री ने शनिवार (2 जून) को कहा था कि ये सब मीडिया में आने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा था, ‘मीडिया में आने के लिए कुछ अनोखे काम करने पड़ते हैं, तो निश्चित रूप से कुछ तो अनोखे काम कर रहे होंगे। देश में 14 करोड़ किसान हैं, तो किसी भी संगठन में हजार-पांच सौ, दो हजार किसानों का होना स्वाभाविक है और मीडिया में आने के लिए अनोखा काम तो करना ही पड़ता है।’ राधामोहन ने यह बात केंद्र में बीजेपी की सरकार के चार साल पूरा होने के अवसर पर पटना में आयोजित किए गए कार्यक्रम में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कही थी।
कृषि मंत्री के इस बयान का विपक्षी दलों द्वारा भी जमकर विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने राधामोहन से इस्तीफा देने तक की मांग कर डाली। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस तरह के बयानों से यह पता चलता है कि बीजेपी को किसानों की कोई चिंता नहीं है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि ऐसे मंत्री जिन्हें किसानों की समस्याओं से कोई लेनादेना ही नहीं है, उन्हें पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। इसके अलावा महाराष्ट्र के नागपुर में भी प्रदर्शनकारियों द्वारा राधामोहन के बयान का विरोध किया जा रहा है। सोमवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने नागपुर की सड़कों पर दूध बहाकर अपना विरोध दर्ज किया।
बता दें कि 1 जून से 10 जून तक मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में किसान आंदोलन किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आंदोलन में करीब 130 किसान संगठन शामिल हैं। मध्यप्रदेश में पिछले साल छह जून को मंदसौर जिले में किसानों पर पुलिस जवानों द्वारा की गई फायरिंग और पिटाई में मारे गए सात लोगों की मौत के एक वर्ष पूरा होने पर किसानों ने शुक्रवार से 10 जून तक ‘गांव बंद’ आंदोलन का ऐलान किया था।