World Environment Day 2018: प्लास्टिक की थैलियों में खाने की चीजें रखना है ‘खतरनाक’, 80 गुना बढ़ सकता है कैंसर का खतरा

विश्व पर्यावरण दिवस 2018 के लिए भारत को मेजबानी सौंपी गई है। हर साल 5 जून को मनाया जाने वाले पर्यावरण दिवस के लिए हर साल एक थीम रखी जाती है। इस साल वह थीम है बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन यानी कि प्लास्टिक प्रदूषण को हराना। प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण के बारे में हम सभी जानते हैं। लेकिन फिर भी दिनोदिन इसका इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है। बहुत लंबे समय तक न सड़ने-गलने वाली प्लास्टिक्स का इस्तेमाल पर्यावरण के लिए तो नुकसानदेह है ही, साथ ही मानव सेहत के लिए भी यह एक भयानक खतरा है। प्लास्टिक की थैलियों में अक्सर हम खाने वाले फूड्स, चाय आदि पैक करते हैं। ऐसे में यह कैंसर जैसे घातक रोगों का भी कारक हो सकता है। आइए, जानते हैं कि प्लास्टिक कंटेनर हमारी सेहत को और कैसे नुकसान पहुंचाता है।

1. प्लास्टिक की थैलियों को बनाने के लिए केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। जब हम इन थैलियों में गर्म फूड्स रखते हैं तो ये केमिकल्स छोड़ने लगते हैं। ये केमिकल्स हमारे भोजन में मिलकर हमें बीमार बना सकता है। प्लास्टिक बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स बायस्फेनॉल ए और प्थालेट्स आपके हार्मोन्स को प्रभावित कर सकते हैं।

2. तमाम शोधों में यह साबित किया गया है कि प्लास्टिक की वजह से ब्रीस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा यह पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है। गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए प्लास्टिक बेहद नुकसानदेह होते हैं।

3. एक अमेरिकन संस्था के रिपोर्ट में यह कहा गया है कि हर तरह के प्लास्टिक एक वक्त के बाद केमिकल्स छोड़ने लगते हैं। खासकर, जब प्लास्टिक्स में खाने-पीने वाली गर्म चीजों को रखा जाता है। इससे उनके केमिकल्स टूटने लगते हैं और फूड्स में मिल जाते हैं। प्लास्टिक की थैलियों नें चाय पैक करवाना लोगों का नया शगल है। यह बेहद हानिकारक होता है।

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