अब अमेरिका में ईवीएम पर उठे सवाल, बिल क्लिंटन बोले- बैलट पेपर से हो चुनाव
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सवाल उठ रहे हैं। बैलट पेपर से चुनाव कराने की भी मांग जोर पकड़ती जा रही है। ईवीएम का विरोध करने वालों में अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का नाम भी शामिल हो गया है। उन्होंने ‘बीबीसी’ से बात करते हुए कहा कि अमेरिकी चुनाव पर साइबर आतंकवाद का जबरदस्त खतरा है, ऐसे में हमें चुनाव के बैलट सिस्टम की ओर ही लौटना चाहिए। क्लिंटन ने बताया कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि वर्ष 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में साइबर हमले का कितना प्रभाव पड़ा था, लेकिन सभी अमेरिकी नागरिकों को मतदान के लिए कागज और कलम की ओर लौटना चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति ने खास तौर पर वर्जीनिया प्रांत के फैसले की ओर ध्यान दिलाया, जिसने वर्ष 2017 में चुनावों के लिए पेपर बैलट का इस्तेमाल करने का फैसला किया था। इससे पहले सुरक्षा विशेषज्ञों ने एक कांफ्रेंस में टच स्क्रीन वाले वोटिंग मशीनों के हैक होने की आशंका जताई थी। वर्जीनिया ने वर्ष 2014 क चुनावों में इसका प्रयोग किया था। वोटिंग टेक्नोलॉजी पर शोध करने वाली एक गैरसरकारी संस्था ‘वेरीफाइड वोटिंग फाउंडेशन’ के अनुसार, वर्ष 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में 30 राज्यों ने मतदाताओं के लिए डायरेक्ट रिकॉर्डिंग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम की सुविधा मुहैया कराई थी। इस प्रणाली के तहत वोटर्स ने कंप्यूटर की मदद से अपना मत डाला था। बता दें कि राष्ट्रपति चुनावों में बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन डेमोक्रेट पार्टी की ओर से चुनाव मैदान में थीं। चुनावों में रूसी हैकरों द्वारा दखल देने के आरोप लगे थे। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है।
भारत में भी ईवीएम पर सवाल: ईवीएम को लेकर भारत में भी गंभीर सवाल उठ चुके हैं। विपक्षी दलों ने भाजपा पर वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ का आरोप लगा चुके हैं। देश के कई हिस्सों में ईवीएम में ऐन वक्त पर खराबी आने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। हाल में संपन्न उपचुनावों में भी ईवीएम में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत सामने आई थी। चुनाव आयोग ने इस पर विचित्र सफाई दी थी। आयोग ने दलील दी थी कि भीषण गर्मी के कारण ईवीएम ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। बता दें कि इससे पहले ईवीएम के हैक होने की आशंका जताई गई थी, लेकिन चुनाव आयोग की दलील ने नई समस्या की ओर संकेत किया। पूर्व में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने भाजपा पर ईवीएम से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। ऐसे में ईवीएम को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति का बयान भारत के लिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है।