राफेल विवाद: रक्षामंत्री बोलीं- कांग्रेस उस विमान से तुलना कर रही, जिसे खरीदा ही नहीं

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राफेल सौदे में सरकारी खजाने को 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने के कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि फ्रांस से लड़ाकू विमान खरीदने में कोई भी ‘गलत काम’ या ‘घपला’ नहीं हुआ है। नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि सौदे से संबंधित हमले राजनीति से प्रेरित हैं। सीतारमण ने कहा, “मेरा पूर्ण आश्वासन है कि सौदे में कोई भी गलत काम नहीं हुआ है। मैं मंत्रालय के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आश्वस्त करती हूं कि, हां राफेल में कोई भी घपला नहीं हुआ है। हम इस पर काफी स्पष्ट हैं।”

उन्होंने कहा, “सरकार यह बताने में काफी समय खर्च कर रही है कि कैसे यह निर्णय लिया गया था और यह एक अंतर-सरकारी समझौता था।” मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार सौदा में अत्यधिक समय लगाने के बाद भी लड़ाकू विमान नहीं खरीद पाई। उन्होंने कहा, “उस राफेल से फर्जी तुलना की जा रही है जो खरीदा ही नहीं गया और उसके आधार पर कहा जा रहा है कि आपने लड़ाकू विमान खरीदने के लिए जो मूल्य आज चुकाया है वह अत्यधिक है। इसका (जो चीज खरीदी नहीं गई और फिर उसकी तुलना किसी खरीदी हुई चीज से करना) कोई अर्थ ही नहीं है। यह प्रायोजित हमला है।”

सीतारमण ने कहा, “वे जो काफी समय खर्च करने के बाद भी विमान खरीद नहीं पाए, कहते हैं कि आपने जो अभी चुकाया है वह हमारे द्वारा चुकाई गई राशि से बहुत ज्यादा है, जिसका उन्होंने कभी भुगतान ही नहीं किया।” कांग्रेस आरोप लगाती है कि मोदी सरकार द्वारा राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए तय की गई राशि संप्रग सरकार द्वारा तय की गई राशि से बहुत ज्यादा है। कांग्रेस ने कहा है कि यूपीए सरकार ने प्रति विमान के लिए 526 करोड़ रुपये का सौदा किया था, जबकि मोदी सरकार एक विमान के लिए 1,670 करोड़ रुपये दे रही है और इस तरह 36 राफेल विमान खरीदने में देश को 40,000 करोड़ रुपये की हानि हो रही है। यूपीए सरकार ने 126 राफेल विमान खरीदने का फैसला किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *