बोले सिसोदिया, पूर्ण राज्य होता तो दिल्ली को मिल जाता जनलोकपाल

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को विधानसभा में दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग का प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव पेश करते हुए सिसोदिया ने कहा कि यदि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा होता तो ‘जनलोकपाल’, ‘स्वराज’ जैसे कई अधिकार दिल्लीवासियों के लिए आज हकीकत होते और न ही मेट्रो का किराया बढ़ता। पूर्ण राज्य के दर्जे की पुरजोर वकालत करते हुए उन्होंने आप सरकार की उन तमाम परियोजनाओं और प्रस्तावों का जिक्र किया जो केंद्र और उपराज्यपाल के ‘हस्तक्षेप’ के कारण फंसे हुए हैं।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं होने के कारण कारण निर्वाचित सरकार के पास शक्तियां नहीं हैं। उन्होंने कहा दिल्ली के मतदाताओं के पास गुड़गांव, फरीदाबाद के मतदाताओं की तुलना में शक्तियां नहीं हैं क्योंकि वहां सरकार खुद फैसले कर सकती है, लेकिन यहां की सरकार अपने फैसलों के लिए उपराज्यपाल और केंद्र पर निर्भर है। सिसोदिया ने कहा, ‘भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से निकली सरकार अपने यहां भ्रष्टाचार रोधी ‘जनलोकपाल’ नहीं ला सकी क्योंकि इसके लिए केंद्र की मंजूरी चाहिए। अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो लोकपाल भ्रष्ट लोगों को जेल भेज देता। अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाया जाता है तो छह महीने के अंदर इसे लोकपाल मिलेगा’।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *