अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच मुलाकात के तुरंत बाद शिवसेना ने दिया झटका, बोली- अकेले लड़ेंगे 2019 चुनाव
शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद भी भारतीय जनता पार्टी को जोरदार झटका लगा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच हुई घंटों की मुलाकात के बाद आज (7 जून, 2018) पार्टी ने साफ कर दिया है 2019 का लोकसभा चुनाव वह अपने दम पर लड़ेगी। न्यूज एजेंसी एएनआई से संजय राउत ने कहा है कि, ‘पार्टी को पता है कि अमित शाह का एजेंडा क्या है। मगर शिवसेना ने एक प्रस्ताव पारित किया है। जिसमें हम सभी चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे।’ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बीते बुधवार को ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके आवास ‘मातोश्री’ में मुलाकात की थी। दोनों सहयोगी दलों के संबंधों में पिछले कुछ समय से आई खटास को इस बैठक के जरिए भाजपा ने पाटने की कोशिश की थी।
बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे। बैठक करीब दो घंटे चली जो अब बेनतीजा नजर आ रही है। दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक के बाद भाजपा सूत्रों ने दावा किया था कि बातचीत सकारात्मक रही और इससे दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने में मदद मिलेगी। ठाकरे से मिलने के बाद भाजपा अध्यक्ष शाह ने रात में राज्य की राजनीतिक स्थित का जायजा लेने के लिए महाराष्ट्र भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी से मुलाकात की। राज्य सरकार के अतिथि गृह में देर रात हुई बैठक में फडणवीस और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रावसाहेब दानवे सहित अन्य उपस्थित थे।
We know what the agenda of Amit Shah ji is but Shiv Sena has passed a resolution that we’ll contest all upcoming elections on our own. There will be no change in that resolution: Sanjay Raut, Shiv Sena on meeting between BJP President Amit Shah & Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray pic.twitter.com/4wXEk5nDfA
— ANI (@ANI) June 7, 2018
बता दें कि भाजपा और शिवसेना के बीच पिछले काफी समय से तनाव बरकार है। दोनों पार्टियों ने पालघर लोकसभा सीट के लिए गत 28 मई को हुआ उपचुनाव अलग … अलग लड़ा था और प्रचार के दौरान दोनों ने एकदूसरे पर जमकर हमले किए थे। शिवसेना विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नाराज है और उसने लगातार उन पर हमले किए हैं। पालघर उपचुनाव में भाजपा से हार का सामना करने के बाद शिवसेना ने सहयोगी पार्टी को ‘सबसे बड़ा राजनीतिक शत्रु’ तक करार दिया था। शिवसेना ने शाह और ठाकरे के बीच ‘चार वर्ष के अंतराल के बाद’ बैठक की ‘जरूरत’ पर भी सवाल उठाया था। दोनों दल ढाई दशक से अधिक समय तक सहयोगी रहे लेकिन 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दोनों ने अपने संबंध तोड़ लिए। बाद में राज्य में फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए दोनों ने फिर से हाथ मिला लिया।