एशियन स्‍टडीज कॉन्‍फ्रेंस में न बुलाया जाए कोई पाकिस्‍तानी, विदेश मंत्रालय का स्‍पष्‍ट आदेश

भारत में अगले महीने एशियन स्टडीज कॉन्फ्रेंस में कोई पाकिस्तानी विद्वान भाग नहीं ले सकेगा।विदेश मंत्रालय ने इस बाबत स्पष्ट आदेश दिया है।द एसोसिएशन फार एशियन स्टडीज से करीब दस हजार एशियाई सदस्य जुड़े हैं, यह एशिया का प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक संगठन है। 2014 से हर वर्ष संगठन की ओर से एशियन कॉन्फ्रेंस का आयोजन होता है।यह उन लोगों के लिए आयोजन होता है जो उत्तरी अमेरिका में आयोजित सालाना कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बन पाते। पिछली चार कॉन्फ्रेंस सिंगापुर,, जापान, दक्षिणी कोरिया और ताइवान हैं।इस साल भारत के प्रमुक आर्ट्स इंस्टीट्यूट अशोका यूनिवर्सिटी एशियन कांफ्रेंस का सहआयोजक बनाा।यह कार्यक्रम पांच से आठ जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित है।

द वॉयर की रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत करने के लिए विदेशी प्रतिभागियों को आमंत्रण पत्र और विदेश मंत्रालय और गृहमंत्रालय की एनओसी के साथ भारतीय वीजा के लिए आवेदन करना पड़ता है।मगर राजनीतिक अनुमति पत्र(पोलिटिकल क्लियरेंस लेटर) में विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि इस कार्यक्रम में कोई भी पाकिस्तानी शामिल नहीं हो सकती।विश्वविद्यालय ने एनओसी के लिए 29 नवंबर 2017 को ही विदेश मंत्रालय के सामने आवेदन कर दिया था। जिसके जवाब में 19 फरवरी 2018 को विदेश मंत्रालय ने एक पत्र विश्वविद्यालय को भेजा।

इस पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान के किसी शख्स के इवेंट में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाती है। यह पत्र सेक्शन ऑफिसर ए अजित प्रसाद के हवाले से राजीव गांधी एजूकेशन सिटी, हरियाणा स्थित अशोका विश्वविद्यालय के कुलसचिव सचिन शर्मा को जारी किया गया है।आयोजकों ने विदेश मंत्रालय के सामने कुल 57 देशों के रिसर्च स्कॉलर के कॉन्फेंस में शामिल होने की बात कही थी। मगर विदेश मंत्रालय ने सूची में दर्ज पाकिस्तान का नाम काट दिया।

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