दिल्लीः स्पीकर की इफ्तार में एलजी को न्योता नहीं, बोले- पिछले साल आए नहीं तो इस बार बुलाया ही नहीं

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने शनिवार (9 जून, 2018) को रोजा इफ्तार पार्टी आयोजित की। इसमें उप-राज्यपाल अनिल बैजल न्योता नहीं दिया। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों की ओर से आरक्षित मुद्दों पर पूछे गए सवालों के जवाब अधिकारियों की तरफ से नहीं दिए। इस मामले में दोनों पक्षों के बीच कथित तौर विवाद चल रहा है। बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दी गई इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन के अलावा अन्य विधायक शामिल हुए।

इसके अलावा भाजपा विधायक भी राम निवास गोयल की इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं हुए। बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष ने बीते साल उप-राज्यपाल को रोजा इफ्तार पार्टी के लिए न्योता भेजा था, लेकिन वो इसमें शामिल नहीं हुए। गोयल ने बताया कि मैंने पिछले साल इफ्तार पार्टी के लिए उन्हें न्योता भेजा था। मगर वो आए नहीं। उन्होंने इसकी कोई वजह भी नहीं बताई। इसलिए इस साल मैंने उन्हें न्योता नहीं भेजना का फैसला लिया।

गौरतलब है कि बीते बुधवार को गोयल ने सदन में उठाए गए सवालों का अधिकारियों द्वारा लिखित जवाब मुहैया कराने में विफल रहने की तुलना ‘अघोषित आपातकाल’ से की और इस स्थिति के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल को जिम्मेदार ठहराया। विधानसभा अध्यक्ष ने दिल्ली सरकार के विभागों के वरिष्ठ नौकरशाहों को गुरुवार को सदन में उपस्थित होने और अनुत्तरित प्रश्नों का जवाब मुहैया कराने के लिए कहा। इसपर गोयल ने कहा, “यह स्थिति अघोषित आपातकाल से भी बदतर है” उन्होंने कहा, “किनके निर्देशों पर उपराज्यपाल ऐसे निर्देश दे रहे हैं?” गोयल ने कार्रवाई के लिए प्रश्न एवं संदर्भ समिति को आठ अनुत्तरित प्रश्नों का भी हवाला दिया। यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली के अधिकारी ने सदन के प्रश्नों का जवाब नहीं दिया है।

मार्च में सदन के बजट सत्र के दौरान, अध्यक्ष ने कहा था कि उपराज्यपाल ने इस बारे में सूचित किया है कि अधिष्ठाता आरक्षित विषयों जैसे भूमि, कानून एवं सेवा पर किसी प्रश्न को स्वीकार नहीं करेंगे। गोयल ने कहा था कि बैजल ने इस संबंध में केंद्र सरकार के कानूनी मामलों के विभाग से कानूनी सलाह लेकर कानून विभाग को पत्र लिखा था। गोयल ने तब सभी अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे सदन द्वारा दाखिल सभी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए बाध्य हैं। गोयल ने बुधवार को राजस्व, शिक्षा, ऊर्जा विभाग के मुख्य सचिवों को गुरुवार को सदन के समक्ष पेश होने के लिए कहा था।

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