लालू को 70वें जन्मदिन पर तेजस्वी का सियासी गिफ्ट? मोदी कुनबे से झटक रहे एक नगीना!
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू यादव के 70वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर उनके छोटे बेटे और राज्य में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को महागठबंधन में शामिल होने का न्यौता दिया है। तेजस्वी ने लगातार तीन ट्वीट कर मोदी सरकार और बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा है कि बीजेपी ने आपकी काबिलियत को नहीं पहचाना और लगातार चार साल तक आपकी उपेक्षा करती रही। तेजस्वी ने लिखा है, “केंद्रीय राज्यमंत्री श्री उपेन्द्र कुशवाहा को हम महागठबंधन में शामिल होने का न्यौता देते है। उन्हें विगत 4 साल से NDA में उपेक्षित किया जा रहा है। बीजेपी उनके साथ सौतेला और पराया व्यवहार कर रही है। इसी दौरान बीजेपी ने नीतीश जी के साथ मिलकर उनकी पार्टी को तोड़ने की साज़िश भी रची।”
अपने दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा है, उपेन्द्र कुशवाहा जी एक बड़े सामाजिक समूह का प्रतिनिधित्व करते है लेकिन उस वर्ग से किसी को भी कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया वहीं दूसरी तरफ़ केंद्र सरकार मे एक जाति के एक दर्जन से ज़्यादा कैबिनेट मंत्री है। पिछड़े वर्ग से आने वाले कुशवाहा जी की क़ाबिलियत को BJP ने तवज्जों नहीं दी।” इतना ही नहीं कुशवाहा को यादव ने सामाजिक न्याय का सच्चा सिपाही बताया है और लिखा है, “उपेन्द्र कुशवाहा जी सामाजिक न्याय की धारा से आते है इसलिए उन्हें गोडसे-गोलवलकर और गांधी-अंबेडकर की दो धाराओं में से एक को चुनना होगा। BJP संविधान को ख़त्म कर रही जिससे आरक्षण स्वतः ही समाप्त हो जाएगा। कुशवाहा जी को संविधान बचाने की लड़ाई में ससमय उचित निर्णय लेना चाहिए।”
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा के महागठबंधन में शामिल होने की अटकलें लगभग सालभर से लगाई जा रही हैं। पिछली बार जब मोदी कैबिनेट में फेरबदल हुआ था, उस वक्त भी कयास लगाए जा रहे थे कि कुशवाहा की केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी होगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इधर, हाल के दिनों में बिहार एनडीए में आगामी लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर रस्साकशी शुरू हुई तो फिर से इन अटकलों को बल मिला है। कुशवाहा कोइरी समुदाय के बड़े नेता हैं जिनकी नीतीश कुमार से रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं। पिछले दिनों भी कुशवाहा की पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने कहा था कि वो नीतीश कुमार को नेता नहीं मानते हैं, जबकि तेजस्वी ने कहा था कि अगर वो गठबंधन में आते हैं तो उनका स्वागत है लेकिन दो दिन बाद ही तेजस्वी ने औपचारिक रूप से कुशवाहा को गठबंधन में शामिल होने का न्यौता दे दिया है।