नमाज से रोकने के लिए बदनाम हुए गुरुग्राम में हुई अनोखी दावत-ए-इफ्तार
हरियाणा के जो गुरुग्राम शहर मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से रोकने की कई घटनाओं के चलते बदनाम रहा, अब उसी ने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश की है।यहां अनोखी इफ्तार की दावत हुई।जिसमें हिंदुओं-मुसलमानों के साथ सिखों ने भी भाग लिया। सेक्टर 27 में आयोजित इस इफ्तारी में यशपाल सक्सेना भी शामिल हुए, जिनके बेटे अंकित सक्सेना को हाल में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने गला रेतकर सिर्फ इस नाते मार डाला था, क्योंकि उसका अफेयर मुस्लिम लड़की से चल रहा था।
यशपाल सक्सेना ने कहा-ऐसी पहल समुदायों को जोड़ने में मदद करती है।मुझे उम्मीद है कि प्रयास जारी रहेंगे।अंकित के एक दोस्त ने कहा कि हम यहां इसलिए एकत्र हुए हैं ताकि मानवता मरने न पाए। इस सामुदायिक इफ्तार का आयोजन गुरुग्राम नागरिक एकता मंच की ओर से हुआ था।यह मंच उस संयुक्त हिंदू संघ समिति की ओर से उठाई गई मांगों के विरोध में गठित हुआ है, जिसने गुरुग्राम में मुस्लिमों के खुले में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की कोशिश की थी।
गुरुग्राम नागरिक मंच के सदस्य राहुल राय ने कहा कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में गुरुग्राम के हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला था।गुरुग्राम में सांप्रदायिक सौहार्द को नष्ट नहीं होने दिया जाएगा। गुरुग्राम में 13 वर्षों से रह रहे मोहम्मद यामिन ने कहा कि हम एक साथ रह रहे हैं, एक जैसे कपड़े पहनते हैं और खाते-पीते हैं।मगर जब हम बाहर होते हैं तो कुछ लोग हमें भड़काते हैं। लोग का समूह हमें धार्मिक आधार पर निशाना बनाने की कोशिश करता है। हमें इसे रोकना होगा।