‘काला’ की ओपनिंग रही बेहद औसत, क्या राजनीति ने कर दिया है रजनीकांत का बेड़ा गर्क?
रजनीकांत का स्तर दक्षिण सिनेमा में किसी भगवान से कम नहीं है। फैंस उनकी फिल्म को देखने के लिए सुबह 3 बजे भी उठने को तैयार हो जाते हैं। आमतौर पर फिल्में शुक्रवार को रिलीज होती है लेकिन रजनीकांत की फिल्मों का क्रेज ऐसा है कि उनकी फिल्में गुरूवार को रिलीज करनी पड़ती हैं। शायद ये फैंस की दीवानगी ही थी जिसके दम पर रजनीकांत ने पिछले साल राजनीति में उतरने का ऐलान किया था, रजनीकांत को शायद ये उम्मीद रही होगी कि दक्षिण सिनेमा की तरह ही वो राजनीति में भी अपने फैंस और लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहेंगे। पर हालात इसके उलट नज़र आते हैं।
पहले दिन रजनीकांत की फिल्म काला की औसत ओपनिंग ने उनके फैंस के इस डर को जिंदा किया है कि राजनीति में आना कहीं उनके फिल्म बिजनेस के लिए खराब तो साबित नहीं होगा। कावेरी मुद्दे पर दिए बयान के बाद रजनीकांत की फिल्म को कर्नाटक में बैन कर दिया गया था हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद ये बैन हटा लिया गया लेकिन इसके बावजूद कई सिनेमाघरों में काला को नहीं दिखाया गया और इससे फिल्म के बिजनेस पर भी फर्क पड़ा। गौरतलब है कि रजनीकांत की पिछली फिल्म ‘कबाली’ जुलाई 2016 में रिलीज़ हुई थी और उस वक्त फिल्म की बुकिंग खुलते ही पहले 5 दिनों के टिकट बिक गए थे लेकिन इस बार ‘काला’ के लिए पहले दो दिनों की ही सीटें बुधवार तक भी उपलब्ध थीं। कबाली ने पहले दिन 48 करोड़ की कमाई की थी लेकिन काला की ओपनिंग बेहद औसत रही है।
कावेरी विवाद पर रजनीकांत के बयान के चलते इस फिल्म को बेवजह विवादों का सामना करना पड़ा है। हालांकि कई ट्रेड पंडित इसे राजनीति से न जोड़कर बॉक्स ऑफिस के बिज़नेस से जोड़ रहे हैं। ट्रेड पंडित अतुल का कहना था कि काला की खराब ओपनिंग की वजह रिलीज़ डेट का खिसकना और ईद से एक सप्ताह पहले हुई रिलीज है। रमजान का हफ्ता होने की वजह से भी लोगों ने फिल्म से दूरी बनाई है। आमतौर पर ईद से पहले वाले हफ्ते रिलीज़ होने वाली फिल्में खास प्रदर्शन नहीं करती हैं, लेकिन उम्मीद है कि रजनीकांत की ये फिल्म धीरे धीरे रफ्तार पकड़ेगी। गौरतलब है कि सलमान खान की फिल्म रेस 3 ईद पर रिलीज होने जा रही है। कई ट्रेड पंडित अब भी उम्मीद कर रहे हैं कि फिल्म रफ्तार ज़रूर पकड़ेगी और हालिया आंकडे इसके गवाह भी है।