एंकर ने पूछा- आम जनता मरती है तो क्या नरेंद्र मोदी को भी मर जाना चाहिए, टोके जाने से नाराज पैनलिस्ट ने छोड़ी डिबेट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की नक्सली साजिश पर राजनीति गर्मा गई है। इसी विषय पर एक टीवी चैनल पर लाइव बहस चल रही थी। टीवी एंकर ने पैनलिस्ट से पूछा कि आम जनता मरती है तो क्या नरेंद्र मोदी को भी मर जाना चाहिए? जवाब देने के क्रम में एंकर द्वारा टोके जाने पर पैनलिस्ट लाइव डिबेट बीच में ही छोड़ कर चलते बने। दरअसल, ‘न्यूज इंडिया 18’ चैनल पर पीएम मोदी को मारने की माओवादियों की धमकी पर डिबेट चल रही थी। इसमें अन्य पैनलिस्टों के साथ माकपा के नेता फुआद हलीम भी शामिल थे। माकपा नेता ने मामले की जांच पड़ताल ठीक से नहीं करने की बात कही। उन्होंने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर इस मसले पर गंभीरता नहीं बरतने का आरोप लगाया। इस पर एंकर ने कहा कि क्या नरेंद्र मोदी को भी मर जाना चाहिए? इस बीच, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी हस्तक्षेप कर दिया। इससे नाराज होकर माकपा नेता फुआद हलीम डिबेट बीच में ही छोड़कर चलते बने।
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा था कि उनके कार्यालय को कथित तौर पर माओवादी संगठनों की ओर से धमकी भरे दो पत्र मिले हैं। पुलिस ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में रोना जैकब विल्सन, सुधीर ढावले, सुरेंद्र गाडलिंग समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। विल्सन को दिल्ली, ढावले को मुंबई, गाडलिंग, शोमा सेन और महेश राउत को नागपुर से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का कहना है कि पीएम मोदी की हत्या की साजिश वाली चिट्ठी विल्सन के दिल्ली में मुनिरका स्थित फ्लैट से बरामद हुई थी। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने खुद इस बात का खुलासा किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक प्रमुख शरद पवार द्वारा सवाल उठाने के बाद इस पर सियासत और गर्मा गई है। भाजपा और विपक्षी दल इस मसले पर आमने-सामने आ गए हैं। पवार ने इसके जरिये सहानुभूति पाने की कोशिश करार दिया है।