आरएसएस के खिलाफ टिप्पणी करने के मानहानि केस में राहुल गांधी पर आरोप तय, राहुल बोले मैं दोषी नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ कथित तौर पर टिप्पणी करने के मामले में आरोप तय हुआ है। मंगलवार (12 जून) को वह इसी को लेकर महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में हाजिर हुए। वह बोले कि उन्हें यह आरोप स्वीकार नहीं है। वह दोषी नहीं हैं। वह इस मामले का सामना करेंगे। वह लड़ेंगे और जीतेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष पर भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत आरोप तय किए गए हैं।
साल 2014 में महाराष्ट्र के ठाणे में हुए एक कार्यक्रम के दौरान राहुल ने कथित तौर पर कहा था कि आरएसएस के लोगों ने महात्मा गांधी की हत्या की थी और आज वही लोग उनकी बातें करते हैं। आरएसएस ने इसके बाद उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। कांग्रेस अध्यक्ष इसके बाद सुप्रीम कोर्ट गए थे। अदालत ने इस मामले को सम्मानपूर्वक खत्म करने के लिए बयान पर खेद जताने का मशविरा दिया था। हालांकि, राहुल ने यह सुझाव ठुकराते हुए केस का सामना करने की बात कही थी।
मंगलवार को कोर्ट में राहुल के साथ पूर्व सीएम अशोक चव्हाण और अशोक गहलोत भी थे। भिवंडी कोर्ट में कांग्रेस अध्यक्ष की पेशी को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजामात किए गए थे। कांग्रेस अध्यक्ष बोले, “यह विचारधारा की लड़ाई है। लेकिन हम इसे जीतेंगे।” आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने राहुल के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी।
पेशी के बाद शाम को वह मुंबई के गोरेगांव इलाके में कांग्रेसियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष इसके अलावा शक्ति नाम की परियोजना का आगाज भी करेंगे, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद किया जाएगा। साथ ही समय समय पर उनसे प्रासंगिक मुद्दों पर प्रतिक्रिया भी ली जाएगी।
क्या है पूरा मामलाः 7 जुलाई 2014 को भिवंडी में राहुल बोले थे कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे आरएसएस के लोग ही थे। आरएसएस में भिवंडी सचिव राजेश कुंटे ने इस बयान को लेकर राहुल के खिलाफ शिकायत दी। दावा किया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष की इस टिप्पणी से आरएसएस की छवि को ठेस पहुंची है।