भैय्यूजी महाराज सुसाइड: दिग्विजय सिंह बोले- मुझे आया था उनका फोन, कहने लगे…
संत और आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज (उदय राव देशमुख) ने मंगलवार (12 जून) को अपने खंडवा रोड स्थित आवास पर खुद को रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में आत्महत्या का कारण तनाव बताया गया है। पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद करने के साथ रिवॉल्वर जब्त कर ली है। भय्यूजी महाराज द्वारा खुद को गोली मार लिए जाने की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में उनके समर्थक बॉम्बे हॉस्पिटल के बाहर जुट गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई नेताओं ने भय्यूजी महाराज के निधन पर शोक जताया है। वहीं आत्महत्या मामले की सीबीआई से जांच की मांग की गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले में शिवराज सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा, ”वह (भय्यूजी महाराज) नर्मदा में शिवराज सरकार द्वारा हो रहे अवैध खनन को लेकर चिंतित थे। उन्हें मुंह बंद रखने के लिए मंत्री पद का ऑफर भी दिया गया था। उन्होंने मुझसे फोन पर बातचीत में बताया था कि उन्होंने यह ऑफर ठुकरा दिया था।”
He was worried about illegal mining in Narmada by Shivraj (Madhya Pradesh) govt and was offered the post of minister to shut his mouth. He rejected the offer & had told me about it on call: Congress’ Digvijay Singh on spiritual leader Bhayyuji Maharaj allegedly committed suicide pic.twitter.com/2PFBsC2trp
— ANI (@ANI) June 12, 2018
पुलिस के अनुसार, भय्यूजी महाराज ने अपने आवास पर खुद को गोली मारी, उन्हें उपचार के लिए स्थानीय बॉम्बे अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया, जहां उनका निधन हो गया। खुद को गोली मारने का कारण क्या है, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। भय्यूजी महाराज ने कमरे में अपने को बंद कर लिया था और सिर में गोली मार ली, बाद में दरवाजा तोड़कर उन्हें बाहर निकाला गया। मौके से एक रिवाल्वर मिली है, वह किसके नाम पर है, इसकी जांच हो रही है। पुलिस को मौके से एक सुसाइड मिला है, जिसमें तनाव का जिक्र किया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी, “संत भय्यूजी महाराज को सादर श्रद्धांजलि। देश ने संस्कृति, ज्ञान और सेवा की त्रिवेणी व्यक्तित्व को खो दिया। आपके विचार अनंत काल तक समाज को मानवता की सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे।” कांग्रेस की प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया, “बहुत ही दुखद खबर है कि भय्यूजी महाराज जैसे संत अब हम सबके बीच नहीं रहे। उनके असामयिक निधन पर मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।”
राष्ट्रसंत श्री भय्यू जी महाराज के अवसान से उन अनगिनत लोगों को व्यक्तिगत क्षति हुई है जिन्हें अपने आध्यात्मिक ज्ञान से उन्होंने जीवन जीने की राह दिखाई। नर्मदा सेवा मिशन से उनके जुड़ाव एवं पर्यावरण संरक्षण व सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में किए गए कार्य को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 12, 2018
बहुत ही दुःखद खबर है कि भय्यूजी महाराज जैसे संत अब हम सबके बीच नहीं रहे। उनके असामयिक निधन पर मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।
— Jyotiraditya Scindia (@JM_Scindia) June 12, 2018
मध्य प्रदेश के शाजापुर में 29 अप्रैल, 1968 को जन्मे भय्यूजी महाराज का सभी राजनीतिक दलों में दखल रहा है। उनका कांग्रेस और आरएसएस के लोगों से करीबी रिश्ते हैं। वह समाज के लिए लगातार तरह-तरह के कार्यक्रम चलाते रहे। वेश्याओं के 51 बच्चों को उन्होंने पिता के रूप में अपना नाम दिया था। पहली पत्नी माधवी के निधन के बाद पिछले साल 49 वर्ष की उम्र में उन्होंने ग्वालियर की डॉ. आयुषी के साथ दूसरी शादी की थी। हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें ‘राज्यमंत्री’ का दर्जा दिया था, मगर उन्होंने उसे ठुकरा दिया था।