बंगाल में भतीजे को आगे कर रहीं ममता बनर्जी, केंद्र पर है ‘दीदी’ की नजर

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी राज्य की सियासत में अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को बड़ा रोल देना चाहती हैं। सियासी पंडितों का मानना है कि दरअसल दीदी की नजर अब केंद्र पर है लिहाजा वो खुद केंद्र की सियासत को साध रही हैं और अपने भतीजे को पश्चिम बंगाल के सियासी फलक पर पहुंचाने की कोशिश में हैं। करीब छह साल के बाद ममता बनर्जी राजधानी कोलकाता की सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए उतरीं थीं। यह प्रदर्शन देश में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर हुआ था। इधर दीदी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने भी बीते दिनों हजरा में इसी मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में ममता सरकार में पूर्व रहे मंत्री मदन मित्रा भी शामिल थे।

मदन मित्रा ने कहा है कि अब ममता बनर्जी ही पार्टी की राष्ट्रीय चेहरा हैं। इसलिए निश्चित तौर से अभिषेक बनर्जी बंगाल में युवाओं के चेहरे होंगे। उन्होंने कहा कि आज के नेता ही कल की उम्मीदें हैं। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हमारी पार्टी में सिर्फ एक नेता हैं और हम सभी कार्यकर्ता। टीएमसी में कोई नबंर -2 या नंबर-3 नहीं है। हम सभी कार्यकर्ता हैं और मैं भी कार्यकर्ता हूं। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार से बीजेपी को हटाने और अपनी चाची ममता बनर्जी को केंद्र तक पहुंचाने के लिए वो जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं।

आपको बता दें कि साल 2010 में अभिषेक तृणमूल युवा के अध्यक्ष बने। 2014 में डायमंड हार्बर जैसी अहम सीट से वो लोकसभा के सदस्य चुने गए। इसके कुछ ही महीनों बाद तृणमूल युवा, तृणमूल यूथ कांग्रेस में शामिल हो गया और इसका नियंत्रण खुद ममता बनर्जी के हाथों में आ गया। इस दौरान ममता बनर्जी ने सुवेंदु अधिकारी को तृणमूल यूथ कांग्रेस के अहम पद से हटा दिया। आपको बता दें कि ईस्ट मिदनापुर जिले में सुवेंदु अधिकारी की अच्छी पकड़ है और चर्चित नंदीग्राम सीट पर उन्होंने जीत भी हासिल की थी।

हालांकि उस वक्त सुवेंदु अधिकारी ममता बनर्जी से कुछ नाराज भी हो गए थे, लेकिन उनकी नाराजगी दूर करने के लिए दीदी ने उन्हें साल 2016 में पश्चिम बंगाल सरकार में शामिल होने का न्योता दिया। जिसके बाद सुवेंदु अधिकारी ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर बनाए गए।इधर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने टीएमसी पर निशाना साधा है।

उन्होंने कहा है कि युवा और तृणमूल के बीच आपसी झगड़ा काफी बड़ा है। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान इसी आपसी झगड़े की वजह से कई सारे तृणमूल कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई। उन्होंने कहा कि आंतरिक झगड़ा तृणमूल की बर्बादी की वजह बनेगा। वहीं सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में कभी वंशवाद की राजनीति नहीं चलती।

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