14 महीने में कभी नहीं हुई इतनी महंगाई, मोदी सरकार ने जारी किया आंकड़ा

मोदी सरकार ने मई महीने के लिए महंगाई का आंकड़ा जारी किया है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में पिछले कुछ दिनों में कमी आने के बावजूद देश में महंगाई पिछले 14 महीनों के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि पेट्रोल और डीजल के साथ ही सब्जियों की कीमत में बढ़ोत्तरी के कारण थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) में अचानक से उछाल आया है। इसके कारण आगे भी जरूरी वस्तुओं के दामों में तेजी आने की संभावना है। केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार (14 मई) को जारी आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा महंगाई दर (मई में) 4.43 फीसद के स्तर तक पहुंच गई है। पिछले साल डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई दर अप्रैल में 3.18 और मई में 2.26 फीसद थी। मई में खाद्य पदार्थों की कीमत में 73 बेसिस प्वाइंट की तेज उछाल दर्ज की गई है। बता दें कि अप्रैल में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 0.87 फीसद थी जो मई में 1.60 हो गई।

सब्जियों और ईंधन के दाम आसमान पर: सब्जियों की कीमत में सबसे ज्यादा 2.51 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस अवधि के दौरान ईंधन दाम में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इस मद में अप्रैल में महंगाई दर 7.85 फीसद थी। मई में इसमें जबरदश्त उछाल आया और यह 11.22 प्रतिशत तक पहुंच गया। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेज वृद्धि का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा था। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि को देखते हुए पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर बहस तेज हो गई थी।

14 महीनों में सबसे ज्यादा महंगाई: भारत में महंगाई दर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के बजाय थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर तय की जाती है। सरकार द्वारा मई महीने के लिए जारी महंगाई दर पिछले एक साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले मार्च 2017 में डब्ल्यूपीआई के तहत महंगाई दर 5.11 फीसद के उच्चतम स्तर तक पहुंच गई थी। फल, सब्जियों और ईंधन की कीमत में वृद्धि के कारण खुदरा महंगाई दर भी चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। इस बाबत सरकार ने मई के लिए हाल में ही आंकड़े जारी किए थे, जिसके मुताबिक खुदरा महंगाई दर 4.87 फीसद तक पहुंच गई। गौरतलब है कि आरबीआई ने जून के शुरुआत में चार वर्षों के बाद ब्याज दर में 0.25 फीसद की वृद्धि की थी। बता दें कि आरबीआई खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए ही मौद्रिक नीति तय करता है।

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