नवरात्र में हिंदू संगठनों की मांग- बंद हों मीट और अंडे की दुकानें, मस्जिदों से हटाए जाएं लाउडस्पीकर
दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में कई हिंदू संगठनों ने नवरात्र के दौरान प्रशासन से मीट और अंडे की दुकानें बंद कराने को कहा है। साथ ही मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की भी मांग की है। ग्रेटर नोएडा के दो मंदिरों के महंतों ने भी प्रशासन से अपील कर इन दुकानों को बंद कराने की अपील की है। गौरक्षा हिंदू दल के पदाधिकारियों ने प्रशासन साफ तौर पर चेतावनी दी है कि अगर बुधवार से जिले में कहीं भी मीट, चिकन या मटन बेचा गया तो वे खुद इन दुकानों को बंद करा देंगे। गौरक्षा हिंदू दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विश्व हिंदू महासंघ के प्रदेश मंत्री वेद नागर ने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी से मंगलवार को बात की और इस बाबत प्रशासन को पत्र लिखकर मीट की दुकानों को बंद कराने और मस्जिदों से लाउडस्पीकर्स को उतरवाने की मांग की है। नागर ने कहा है कि नवरात्र का त्योहार 21 सितंबर से शुरू हो रहा है और इस दौरान किसी भी जीव की हत्या नहीं होनी चाहिए। नागर ने होटलों और ढाबों में नॉनवेज खाना परोसे जाने पर रोक लगाने की भी मांग की।
मस्जिदों से लाउडस्पीकर्स हटाने के पीछे तर्क देते हुए हिंदू संगठनों के नेताओं ने कहा कि पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार ने रमजान के समय कई स्थानों पर मंदिरों में लाउडस्पीकर बंद करवा दिए थे। इसलिए नवरात्र में भी मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारे जाने चाहिए। संगठन के नेताओं ने पिछले साल कांवड़ यात्रा के दौरान मीट की दुकानें जबरन बंद करवा दी थीं। उस समय उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। पहले तो इन संगठनों ने एसपी सरकार और जिला प्रशासन से ही मीट दुकानें बंद कराने की मांग की, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से इजाजत नहीं मिलने के बाद इन लोगों ने खुद दुकानें बंद कराईं। हालांकि इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान दादरी पुलिस प्रशासन ने सभी नॉनवेज दुकानों को बंद करने का फरमान सुनाया था। इसके बाद सभी दुकानें बंद रहीं।
गौ रक्षा हिंदू दल की मांग पर गौतम बुद्धनगर के डीएम बीएन सिंह का कहना है कि गौ रक्षा हिंदू दल के पदाधिकारी उनके पास नहीं आए हैं। वे आएंगे तो उनकी बातें सुनी जाएगी। लेकिन अगर वे कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेंगे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।