पत्रकार को गोली मारकर नही कर सका पत्रकारिता को खामोश, उसी बुलंद आवाज के आया राइजिंग कश्मीर
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों ने गुरुवार (14 जून) को ‘राइजिंग कश्मीर’ के पत्रकार शुजात बुखारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमले से पहले 14 जून को अपने आख़िरी ट्वीट में बुखारी ने लिखा था,”कश्मीर में हमने गर्व के साथ पत्रकारिता की है और यहां पर जो भी हो रहा है उसे लोगों के सामने लाते रहेंगे।” अपने बहादुर संपादक के इरादों को उनकी टीम ने झुकने नहीं दिया है। ये पहली बार था जब अखबार संपादक शुजात बुखारी के बिना निकलने वाला था। लेकिन शुक्रवार (15 जून) की सुबह राइजिंग कश्मीर उसी बुलंद आवाज और धार के साथ छपा, जिसे खामोश करने के लिए आतंकवादियों ने गोलियां बरसाईं थीं।
अखबार के मुख्य पृष्ठ को ट्वीट करते हुए पत्रकार सीमा चिश्ती ने कहा,”शुजात बुखारी खामोश हुए, लेकिन कितने जोरदार तरीके से उनका आज का अखबार निकला है।” राइजिंग कश्मीर ने पहले पन्ने पर पूरे पेज पर अपने वीर संपादक की फोटो छापी है। नीचे संदेश में लिखा है,”आप हमें बहुत जल्दी छोड़ गए। लेकिन आप अपने प्रोफेशनल समर्पण और अदम्य साहस के कारण हमेशा ही हमारे पथ प्रदर्शक रहेंगे। हम उन कायरों के सामने कभी नही झुकेंगे जिन्होंने आपको हमसे छीन लिया। हम आपकी सच कहने के सिद्धांत को आगे ले जाने का वायदा करते हैं चाहें उसकी कोई भी कीमत हमें क्यों न चुकानी पड़े? ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दे।”
राइजिंग कश्मीर ने आज अपनी पहली खबर अपने संपादक की हत्या की लिखी है। हैडिंग है, शुजात खामोश हो गए।” इसके बाद सब हैड में लिखा गया,”निडर पत्रकार ने चुकाई सच बोलने की कीमत।” इसके बाद पेज के दायीं ओर दो कॉलम में ट्विटर पर हत्या की निंदा करने वाले लोगों के बयान को जगह दी गई है। इनमें मीरवायज उमर फारुख़, महबूबा मुफ़्ती, राहुल गांधी, मेहर तरार, राजनाथ सिंह, उमर अब्दुल्ला, हामिद मीर, सिद्धार्थ वरदराजन आदि के बयान छापे गए हैं। इसके बाद अखबार के अपर बॉटम में शुजात बुखारी के मानवाधिकारों पर सोशल मीडिया पर दिए बयानों पर खबर लिखी गई थी। इसके ठीक नीचे शुजात बुखारी की हत्या पर सीएम महबूबा मुफ्ती के रोने की खबर थी। इसके नीचे अलगाववादियों, पाकिस्तान और कांग्रेस नेताओं के द्वारा निंदा की खबरें छपी थीं।
वहीं फ्रंट पेज के बॉटम में एडिटर्स गिल्ड और तमाम मीडिया संस्थानों के द्वारा पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या की खबर की निंदा की खबर छापी गई थी। अखबार की प्रिंट लाइन में भी बदलाव किया गया है। 14 जून को प्रकाशित राइजिंग कश्मीर के 8 नंबर संपादकीय पेज पर अखबार की प्रिंट लाइन में एडिटर इन चीफ का नाम सैयद शुजात बुखारी लिखा गया था। जबकि 15 जून को प्रकाशित हुए अखबार में उन्हें संस्थापक संपादक लिखा गया है। जम्मू कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद के मुताबिक पत्रकार शुजात बुखारी पर ये हमला मोटरसाइकिल सवार आतंकियों ने शाम करीब 7.15 बजे किया था। हमले के वक्त 48 साल के बुखारी श्रीनगर में लाल चौक सिटी सेंटर स्थित अपने ऑफिस प्रेस इनक्लेव से निकलकर एक इफ़्तार पार्टी में जा रहे थे। इस हमले में बुखारी के दो अंगरक्षक भी मारे गए।”
Shujaat Bukhari silenced: so loudly. His newspaper today. pic.twitter.com/4qRrtMiMVo
— Seema Chishti (@seemay) June 15, 2018
आतंकियों ने ईद से तुरंत पहले ही इस घटना को अंजाम दिया है। घाटी में कल ईद मनाई जानी है। शुजात बुखारी राइजिंग कश्मीर के संपादक बनने से पहले 1997 से 2012 तक कश्मीर में ‘द हिन्दू’ अख़बार के संवाददाता थे। उन्होंने कश्मीर घाटी में कई शांति सम्मेलनों के आयोजनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस घटना की राजनीतिक दलों ने कड़ी निंदा की है। सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है।