खतरे में पड़ी BJP सांसद की राज्यसभा सदस्यता! कोर्ट ने जारी किया नोटिस

छत्तीसगढ़ में भाजपा की राज्यसभा सांसद सरोज पांडे क निर्वाचन को अदालत में चुनौती दी गई है। यह चुनौती कांग्रेस नेता और राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे लेखराम साहू ने दी है। लेखराम साहू ने अपनी याचिका में सरोज पांडे पर अपने शपथपत्र में झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया है। जिस पर बिलासपुर हाईकोर्ट की जस्टिस गौतम भादुड़ी वाली एकलपीठ ने राज्यसभा सांसद सरोज पांडे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

क्या है चुनौती का आधारः लेखराम साहू ने अपनी याचिका में भाजपा की राज्यसभा सांसद पर आरोप लगया है कि उनके नामांकन प्रस्ताव पर जिन 11 संसदीय सचिवों के हस्ताक्षर हैं, उनकी नियुक्ति का मामला ही हाईकोर्ट में लंबित है और इस पर सुनवाई चल रही है। ऐसे में इन लोगों का प्रस्तावक बनाया जाना वैध नहीं है। इसके अलावा लेखराम साहू ने अपने वकील सुदीप श्रीवास्तव और हिमांशु शर्मा के जरिए बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर कहा है कि संसदीय सचिव और निगम मंडल अध्यक्ष के पदों पर रहते हुए भाजपा विधायकों ने सरोज पांडे के पक्ष में मतदान किया, जबकि नियमों के अनुसार, लाभ के पद पर रहते हुए वे मतदान नहीं कर सकते। इन तथ्यों के आधार पर कांग्रेस प्रत्याशी ने सरोज पांडे के निर्वाचन को शून्य घोषित करने की मांग की है।

बता दें कि बीते मार्च माह में छत्तीसगढ़ में राज्यसभा चुनाव हुए थे। इन चुनावों में भाजपा की प्रत्याशी सरोज पांडे ने कांग्रेस प्रत्याशी लेखराम साहू को मात दी थी। मई के आखिरी सप्ताह इसके नतीजे घोषित किए गए थे। हालांकि लेखराम साहू ने नतीजे घोषित होने से पहले ही सरोज पांडे पर अपने शपथपत्र में गलत जानकारी भरने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग से की थी। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा शिकायत का निराकरण नहीं किए जाने के बाद लेखराम साहू ने बिलासपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जहां से अब सरोज पांडे को नोटिस जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा साल 2002 में दिए गए एक फैसले के बाद चुनाव आयोग के सर्कुलर के मुताबिक गलत जानकारी देना व जानकारी छिपाने की स्थिति में नामांकर फॉर्म निरस्त करने का प्रावधान है। इस आधार पर निर्वाचन को शून्य घोषित किया जा सकता है।

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