जम्‍मू-कश्‍मीर में तत्‍काल प्रभाव से राज्‍यपाल शासन लागू , राष्‍ट्रपति की मिली मंजूरी

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद के आदेशानुसार, जम्‍मू-कश्‍मीर में तत्‍काल प्रभाव से राज्‍यपाल शासन लागू हो गया है। एक दिन पहले, भारतीय जनता पार्टी द्वारा पीडीपी सरकार से गठबंधन तोड़ने के बाद मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस्‍तीफा दे दिया। मंगलवार को राज्‍यपाल एनएन वोहरा ने घाटी के हालात पर राष्‍ट्रपति को रिपोर्ट सौंप कर राज्‍यपाल शासन लागू करने का सुझाव दिया था। राज्‍यपाल ने कश्‍मीर की सभी प्रमुख 4 पार्टियों के नेताओं से बात की, मगर सबने सरकार बनाने के लिए गठबंधन के रास्‍ते तलाशने से इनकार कर दिया।

भारत के अन्‍य राज्‍यों में संविधान के अनुच्‍छेद 356 के तहत राष्‍ट्रपति शासन लागू होता है, मगर जम्‍मू-कश्‍मीर में ऐसा नहीं है। जम्‍मू-कश्‍मीर संविधान की धारा 92 के तहत यहां राज्‍यपाल का शासन लागू होता है। यह छह महीने तक लागू रहेगा और इन दौरान राज्‍यपाल के पास विधायी शक्तियां रहेंगी।

रिश्‍ता तोड़ने के पीछे भाजपा ने बताई ये वजह

भाजपा ने घाटी में आतंकवादी गतिविधियों व कट्टरवाद की बढ़ोतरी का हवाला देते हुए कहा कि गठबंधन में बने रहना मुश्किल हो गया था। भाजपा के महासचिव राम माधव ने कहा कि राज्य के नेताओं को परामर्श के लिए तत्काल राष्ट्रीय राजधानी बुलाया गया था। यह कदम ऐसे समय में आया है, जब 2019 के आम चुनाव में साल भर से भी कम समय बाकी है। इस कदम से दो महीने पहले भाजपा ने कठुआ दुष्कर्म मामले में लोगों की नाराजगी को लेकर अपने उपमुख्यमंत्री को बदला था। केंद्र सरकार के संघर्षविराम नहीं जारी रखने के फैसले के दो दिन बाद यह कदम सामने आया है।

महबूबा बोलीं- काम नहीं आएगी बल-प्रयोग की नीति

इस्तीफा दे चुकीं जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को दावा किया था कि राज्य में बल प्रयोग की नीति कार्य नहीं करेगी। उन्होंने पीडीपी नीत गठबंधन से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलग होने के बाद सरकार गठन के लिए अन्य किसी भी पार्टी से गठबंधन की बात को खारिज कर दिया। राज्यपाल एन.एन. वोहरा को इस्तीफा सौंपने और अपने पार्टी साथियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए महबूबा ने पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार की सफलता का जिक्र किया और बल प्रयोग नीति के खिलाफ चेतावनी जारी की।

उमर ने की जल्‍द चुनाव कराने की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू एवं कश्मीर में जल्द चुनाव कराने की मांग की है। उन्होंने कहा, “मैंने राज्यपाल से कहा कि 2014 के चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के पास सरकार बनाने का जनादेश नहीं था और आज भी हमारे पास जनादेश नहीं है।” पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, “हम से किसी ने संपर्क नहीं किया है और हमने भी किसी पार्टी से राज्य में सरकार बनाने के लिए संपर्क नहीं किया है।”

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