मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने दिया इस्तीफा, अरुण जेटली ने बताई वजह

देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने आज (20 जून, 2018) अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वो 16 अक्टूबर 2014 से इस पद पर तैनात थे। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सुब्रमण्यन के इस्तीफे के बारे में ब्लॉग लिखकर बताया है कि उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। जेटली ने लिखा है, “कुछ दिनों पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन की मुझसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुलाकात हुई थी। उन्होंने मुझे बताया कि वो पारिवारिक प्रतिबद्धताओं की वजह से अमेरिका वापस जाना चाहते हैं। उनका कारण निजी मगर उनके लिए बेहद जरूरी था। उन्होंने मुझे ऐसा कहकर विकल्प विहीन बना दिया, बावजूद इसके मैंने अपनी सहमति दे दी।” इसके साथ ही जेटली ने बताया कि सुब्रमण्यन अक्टूबर में अमेरिका से वापस लौटेंगे।

बता दें कि अक्टूबर 2014 में जब रघुराम राजन को रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाया गया था तब इस पद पर अरविंद सुब्रमण्यन की तैनाती तीन साल के लिए हुई थी। बाद में कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें कुछ और दिनों के लिए सेवा विस्तार मिला था। जेटली ने भी लिखा है, “अरविंद ने चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर के तौर पर तीन साल के लिए 16 अक्टूबर 2014 के ज्वाइन किया था। तीन साल पूरा होने पर मैंने उनसे अनुरोध किया था कि आप कुछ दिन और इस पद पर रहें। हालांकि, तभी अरविंद ने मुझे कह दिया था कि वो पारिवारिक प्रतिबद्धताओं और नौकरी के बीच मझधार में फंस गए हैं।”

जेटली ने लिखा है, “अरविंद वित्त मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य मंत्रालयों के बीच आर्थिक मुद्दों पर सरकार से विचार-विमर्श करते थे। संवाददाताओं के साथ त्वरित संचार की वजह से वो काफी प्रभावशाली थे। चीफ इकोनॉमिक अडवाइजर का पद बहु आयामी होता है। हालांकि, वह भारत सरकार के प्रवक्ता नहीं थे। वह केवल सलाहकार थे, जिन्हें विभिन्न मुद्दों पर सरकार को सलाह देना और किसी मुद्दे पर बहुत दूर तक उसके प्रभावों के बारे में सोचना था।” जेटली ने लिखा है कि अरविंद सुब्रमण्यन हमारे दफ्तर में कभी भी और दिन में कई बार आया करते थे। उनसे कई मुद्दों पर चर्चा होती थी लेकिन अब उसे वो बहुत मिस करेंगे।

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