सुपरसोनिक ट्रेनें बनाने की तैयारी में चीन, 1500 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी रफ्तार
बुलेट ट्रेन बनाने की तैयारी कर रहे भारत को कई बाधाएं झेलनी पड़ रही है। हाल ही में इस प्रोजेक्ट के लिए गुजरात के किसानों ने जमीन देने से मना कर दिया। किसानों ने इसके लिए जमीन के रेट, और पर्यावरण संबंधी चिंताओं का हवाला दिया। इसी हाई स्पीड ट्रेन से जुड़ी एक खबर चीन से आई है, जिससे विकास को लेकर चीन के एजेंडे और वहां की सरकार की समर्पण भावना का पता चलता है। इस वक्त चीन में 300 से 400 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हाई स्पीड ट्रेने दौड़ रही है। एक्सपेरिमेंट के दौरान चीन में ट्रेनों की रफ्तार 500 किलोमीटर प्रति घंटे भी पहुंच चुकी है। लेकिन चीन की प्यास इतने से नहीं बुझने वाली है। चीन ऐसी ट्रेनें बनाना चाहता है जो ध्वनि की रफ्तार से भी तेज चले। जी हां ठीक सुना आपने चीन अब 1500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हाई स्पीड ट्रेनें और पटरियां बना रहा है। चीन के सबसे बड़े अखबार पीपुल्स डेली चाइना ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिये इससे जुड़ी एक खबर को साझा किया है।
बता दें कि आवाज की रफ्तार हवा में आम तौर पर प्रति सेकेंड 331.2 मीटर प्रति सेकेंड या 1192 किलोमीटर प्रति घंटे होती है। चीन जिस ट्रेन को बनाना चाहता है उसकी रफ्तार इससे भी ज्यादा होगी। जब किसी भी वस्तु की रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से ज्यादा हो जाती है तो उसे सुपरसोनिक कहते हैं। मंगलवार (जून 2019) को दक्षिण पश्चिम जिआवटोंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जांग वेईहुआ ने 2018 वर्ल्ड ट्रांसपोर्ट कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी। ये ट्रेन वैक्यूम ट्यूब (वो स्थान जहां हवा मौजूद नहीं होती है) में चलेगी। इसके लिए 1.5 किलोमीटर लंबे वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया जाएगा जहां पर मैग्नटिक ट्रेन मॉडल का परीक्षण किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पश्चिम जिआवटोंग यूनिवर्सिटी में इसके लिए एक प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा, जिसके लिए सरकार से अनुमति का इंतजार है। इसके बाद यहां निर्माण कार्य में 31 महीने लगेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 तक इस ट्रेन का परीक्षण किया जा सकता है।