जम्मू-कश्मीर : सौ एनएसजी कमांडो तैनात, वीरप्पन का सफाया करने वाले विजय कुमार भी पहुंचे

जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के सौ कमांडो की एक टीम तैनात की गई है। गृह मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि एनएसजी की वजह से वहां सैन्य अभियानों में आम आदमी को जान-माल का नुकसान घटाया जा सकेगा। गृह मंत्रालय ने एक महीना पहले वहां आतंकवादियों के खिलाफ अभियानों में एनएसजी को शामिल करने के प्रस्ताव की मंजूरी दी थी। कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होते ही इस प्रस्ताव पर अमल शुरू कर दिया गया है। गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार, एनएसजी की टीम को श्रीनगर के पास हुमहाहा में सीमा सुरक्षा बल के शिविर में तैनात किया गया है, जहां सभी कमांडो सीमा पर सुरक्षा अभियानों के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। एनएसजी गृह मंत्रालय के मातहत विशेष सुरक्षा बल है, जो बंधक बनाए जाने जैसी स्थिति से निपटने के लिए खास तौर से प्रशिक्षित हैं। अब ये लोग सेना के विशेष पैरा कमांडो के साथ मिलकर सैन्य अभियानों में हिस्सा लेंगे।

सीमा सुरक्षा बल के शिविर में एक दर्जन एनएसजी के स्नाइपर भी विशेष स्थितियों के मद्देनजर भेजे गए हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक, एनएसजी कमांडों की विशेषज्ञता के मद्देनजर उन्हें हवाई अड्डों और अन्य संवेदनशील ठिकानों की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। साथ ही, इन कमांडो का इस्तेमाल आतंकवादी रोधी अभियानों के दौरान भी किया जाएगा। गृह मंत्रालय के अनुसार, आतंकवाद रोधी अभियानों के दौरान एनएसजी के स्नाइपरों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। कमांडो टीम के पास अत्याधुनिक हथियार और उपकरण हैं।
नई इस जिम्मेदारी के अलावा एनएसजी के लोग जम्मू-कश्मीर में पहले से पर्दे के पीछे काम कर रहे हैं। गुड़गांव स्थित एनएसजी के मुख्यालय में कई महीनों से जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष बल (एसओजी) के कमांडो प्रशिक्षित किए जा रहे हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार, एनएसजी की नई जिम्मेदारी के साथ ही इस विशेष बल का कार्यक्षेत्र बढ़ाया गया है। अब तक आतंकवादी कार्रवाई में बंधक अभियानों और वीवीआइपी सुरक्षा के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले इस बल को अब जम्मू-कश्मीर में सैन्य बलों के पैरा कमांडो के साथ अभियानों पर तैनात किया जाएगा।

राज्यपाल वोहरा ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य में राज्यपाल शासन लागू होने के मद्देनजर स्थिति पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार की शाम यहां एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। राज्य में भाजपा- पीडीपी गठबंधन सरकार गिरने के एक दिन बाद जम्मू कश्मीर में गुरुवार को राज्यपाल शासन लागू किया गया। भाजपा ने क्षेत्रीय दल पीडीपी के साथ करीब तीन साल पुराना अपना गठबंधन तोड़ दिया। एक गजट अधिसूचना के मुताबिक, वोहरा ने राज्यपाल शासन को हटाए जाने की घोषणा होने तक विधानसभा को निलंबित स्थिति में रख दिया है। मौजूदा विधानसभा का छह साल का कार्यकाल मार्च 2021 में खत्म हो रहा है। अधिकारियों के मुताबिक राज्यपाल ने राज्य की स्थिति पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय पार्टियों की प्रदेश इकाई के प्रमुखों सहित सभी पार्टी प्रमुखों की एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह बैठक राजभवन में होगी, जहां राज्य के सुरक्षा हालात व राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की जाएगी।

वीरप्पन के सफाए को अंजाम देने वाले विजय कुमार भी कश्मीर भेजे गए
जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। छत्तीसगढ़ से वरिष्ठ आइएएस अधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम की मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति की हरी झंडी देने के बाद अब वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी के विजय कुमार को जम्मू-कश्मीर भेजा गया है। विजय कुमार को चंदन तस्कर वीरप्पन के सफाए के अभियान के लिए जाना जाता है। विजय कुमार तमिलनाडु कैडर के 1975 बैच के आइपीएस अधिकारी है। 65 साल के विजयकुमार ने साल 2004 में चंदन तस्कर वीरप्पन का सफाया किया था। बुधवार को जिन आइएएस अधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम के नाम की मंजूरी दी गई थी, उन्हें नक्सल अभियानों का जानकार माना जाता है। दोनों अधिकारियों- विजय कुमार और बीवीआर सुब्रह्मण्यम को अपनी सख्त छवि के लिए जाना जाता है।

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