पूर्व मुख्यमंत्री के भाई अवैध खनन में फंसे, 12.50 करोड़ रुपये का निकाल लिया पत्थर

झारखंड में अवैध खनन का बड़ा मामला सामने आया है। इस गोरखधंधे में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन का नाम भी सामने आया है। बसंत सोरेन की साझेदारी वाली मेसर्स ग्रेंड्स माइनिंग नामक कंपनी पर अवैध खनन के जरिये 12.50 करोड़ रुपये मूल्य का पत्थर निकालने का आरोप लगाया गया है। ‘प्रभात खबर’ के अनुसार, पाकुड़ के उपायुक्त दिलीप कुमार झा की जांच रिपोर्ट में करोड़ों रुपये के अवैध खनन का मामला सामने आया है। प्रशासन ने खनन कंपनी को रॉयल्टी और दंड के तौर पर 14.05 करोड़ रुपये का भुगतान करने का नोटिस जारी किया है। साथ ही पूछा गया है कि उनके खनन लाइसेंस को क्यों न रद्द कर दिया जाए। कंपनी पर लीज क्षेत्र से लगते इलाकों में बिना किसी अनुमति के खनन करने का आरोप लगाया गया है। बता दें कि मेसर्स ग्रेंड्स माइनिंग कंपनी द्वारा अवैध खनन की शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच कराई गई थी। मामले की छानबीन के लिए कंपनी के प्रतिनिधि की मौजूदगी में लीज क्षेत्र की मापी कराई गई थी। बता दें कि शिकायत मिलने पर कंपनी के चारों खनन पट्ट क्षेत्र की जांच की गई थी।

अवैध खनन कर निकाल लिए लाखों घन फुट पत्थर: उपायुक्त की जांच में अवैध खनन का बड़ा मामला सामने आया। आरोप है कि लीज धारकों ने अपने क्षेत्र से बाहर जाकर खनन किया और 77 लाख घन फुट से ज्यादा पत्थर निकाल लिए। इसका कुल मूल्य साढ़े बारह करोड़ रुपये आंका गया है। जांच में पाया गया कि आरोपी कंपनी ने अपने खनन पट्टे में भी थोड़ा बहुत खनन किया है, लेकिन सरकार को इसका ब्योरा गलत दिया। इसके कारण झारखंड सरकार को रॉयल्टी के नुकसान होने की बात कही गई है। राज्य सरकार और कंपनी के बीच हुए खनन समझौते में तीन पार्टनर का उल्लेख किया गया है। पहले पार्टनर के तौर पर नरेंद्र सिंह का नाम है। दस्तावेज में इनका आवासीय पता बोकारो स्टील सिटी बताया गया है। दूसरे साझीदार के तौर पर भूपेंद्र सिंह का नाम दर्ज है। इनका आवासीय पता चास (बोकारो) है। लीज डीड के तीसरे पार्टनर के तौर पर बसंत सोरेन के नाम का उल्लेख है। इनका पता भी बोकारो स्टील सिटी दर्ज है।

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