दक्षिणी दिल्ली में पेड़ काटने की अंतरिम रोक पर अदालत का इनकार, ‘चिपको आंदोलन’ जैसी तैयारी कर रही ‘आप’

दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शंस कारपोरेशन (एनबीसीसी) और केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग (सीपीडब्लूडी) द्वारा दक्षिणी दिल्ली की छह कालोनियों के पुनर्विकास के सिलसिले में पेड़ काटने की केंद्र की दी गई मंजूरी पर शुक्रवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एके चावला और न्यायमूर्ति नवीन चावला के अवकाशकालीन पीठ ने कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। पीठ ने आवास एवं पर्यावरण मंत्रालयों के साथ ही एनबीसीसी, सीपीडब्लूडी और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) को नोटिस जारी किए। पीठ ने उनसे उस अर्जी पर जवाब मांगा जिसमें आवासीय परियोजना को दी गई पर्यावरणीय मंजूरी को चुनौती दी गई है।

पीठ ने कहा कि वह वर्तमान में एकतरफा आदेश देने का इच्छुक नहीं है और वह कोई भी निर्देश जारी करने से पहले एनबीसीसी को सुनना चाहता है। पीठ ने इसके साथ ही याचिकाकर्ता से कहा कि परियोजना कई महीने से चल रही है जबकि पर्यावरणीय मंजूरी 2017-2018 में दी गई थी। जनहित याचिका में नियम शर्तों और परियोजना को पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दी गई पर्यावरणीय मंजूरी को यह कहते हुए दरकिनार करने की मांग की गई है कि इससे 16500 पेड़ कटेंगे। डॉक्टर कौशल कांत मिश्र की दायर अर्जी में कहा गया है कि दक्षिणी दिल्ली की छह कालोनियों जहां पेड़े कटेंगे उनमें सरोजनी नगर, नौरोजी नगर, नेताजी नगर, त्यागराज नगर, मोहम्मदपुर और कस्तूरबा नगर शामिल हैं।

केंद्र की योजना के खिलाफ ‘आप’

आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को दावा किया कि केंद्र अपनी पुनर्विकास योजना के तहत राष्ट्रीय राजधानी में 17000 पेड़ों को काटने की योजना बना रहा है। लेकिन वह इस कदम के विरुद्ध ‘चिपको आंदोलन’ जैसा आंदोलन चलाने पर विचार कर रही है। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि नौरोजी नगर, नेताजी नगर, सरोजिनी नगर, मोहम्मदपुर, श्रीनिवासपुरी, कस्तूरबा नगर और त्यागराज नगर में सात कॉलोनियों के पुनर्विकास के लिए वर्तमान 21,040 पेड़ों में से 14,031 पेड़ काटे जाएंगे। ‘आप’ प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि इस योजना में नेताओं और नौकरशाहों के लिए फ्लैटों का निर्माण करना शामिल है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी लोकप्रिय ‘चिपको आंदोलन’ की तरह अभियान चलाएगाी तो उन्होंने कहा, ‘यह एक अच्छा विचार है। हम इस पर विचार करेंगे।

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