जॉर्ज फर्नांडिस के गार्ड बने थे नरेंद्र मोदी, इमरजेंसी में की गई मेहनत से ही चमका सितारा
25 जून 1975। यही वह तारीख थी, जब देश में इंदिरा गांधी सरकार की सिफारिश पर आपातकाल लगा था। विरोधी नेताओं की पुलिस गिरफ्तारियां करने में जुटीं थीं। इसके चलते उस जमाने के तमाम बड़े नेता अंडरग्राउंड हो गए थे। कई नेताओं को गिरफ्तारी से बचने के लिए वेश भी बदलना पड़ा। इसमें मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। आपातकाल के दौरान नरेंद्र मोदी ने अंडरग्राउंड हुए तमाम नेताओं का सहयोग किया। दरअसल आपताकाल के दौरान दिग्गज नेताओं की मदद के लिए संघ ने नरेंद्र मोदी को गुजरात में लोक संघर्ष समिति का महासचिव बनाया था। उन्हें इमरजेंसी के दौरान भूमिगत हुए कार्यकर्ताओं की मदद करने की जिम्मेदारी मिली थी।
आपातकाल के दौरान नरेंद्र मोदी अपनी भूमिका का खुद पूर्व में खुलासा कर चुके हैं। नरेंद्र मोदी यह भूमिका इसलिए भी खास मानते हैं, क्योंकि यह कुछ ज्यादा ही चुनौतीपूर्ण था। यही वो वक्त था, जब नरेंद्र मोदी को कई बड़े नेताओं के साथ काम करने का मौका मिला। मोदी ने इस दौरान कई नेताओं से अंडरग्राउंड रहते और जेल में मुलाकात की।मोदी इस दौरान वेष बदलते रहे और छद्म नाम रखे। गुजरात में अंडरग्राउंड रहते हुए वह संघ और अन्य पार्टियों के भीतर महत्वपूर्ण नेताओं से परिचित हो गए। इमरजेंसी के दौरान नरेंद्र मोदी ने हरे रंग की लुंगी में दाढ़ी वाले फायर ब्रांड नेता जार्ज फर्नांडिस की सुरक्षा में गार्ड का दायित्व निभाया।इस दौरान मोदी ने फायरब्रांड जार्ज फर्नांडिस के साथ अहिंसा के दर्शन पर बहस भी की।
इस दौरान मोदी ने भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपंत थेंगड़ी से नजदीकी हासिल की। आरएसएस के मौजूदा सर संघचालक मधुकरराव भागवता के पिता मोदी के शुरुआती गुरुओं में रह चुके हैं। जब तक आपातकाल उठाया जाता, तब तक मोदी ने बतौर प्रचारक संघ के सर्किल में अपनी मजबूत पकड़ बना रखी थी। मोदी ने अंडरग्राउंड नेताओं की सुरक्षा का न केवल ध्यान रखा बल्कि उनकी वित्तीय स्तर से मदद भी की। यही नहीं नेताओं को जरूरी साहित्य भी प्रदान करते रे। तमाम मीटिंग आयोजित कीं। एक नेटवर्क भी विकसित किया। इन सब के चलते मोदी का महत्व तत्कालीन नेताओं की नजरों में काफी बढ़ गया। तब एक विचारक की छवि बन गई थी।