यमुना प्राधिकरण मामला: पूछताछ में नए नाम सामने आने के बाद भी केवल 126 करोड़ के घोटाले की ही होगी जांच

यमुना प्राधिकरण में 126 करोड़ रुपए के जमीन खरीद घोटाले के मुख्य आरोपी सेवानिवृत्त आइएएस पीसी गुप्ता से पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पूछताछ में कई ताकतवर और बड़े नामों के खुलासे के कारण आरोपियों की संख्या करीब 4 दर्जन तक हो सकती है लेकिन फिलहाल पुलिस अपनी जांच को केवल 126 करोड़ रुपए तक के फर्जीवाड़े तक सीमित रख जांच करेगी। बाकी आरोपियों की जांच बाद में की जाएगी। वहीं, पूछताछ में मिले सुराग के आधार पर पुलिस फरार आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का दावा कर रही है।

यमुना प्रधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता को कासना पुलिस ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश के दतिया से गिरफ्तार किया था। शनिवार को मेरठ स्थित एंटी करप्शन कोर्ट ने 10 दिन की कस्टडी रिमांड को मंजूर किया। रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में 126 करोड़ रुपए का चूना लगाने के मामले में गुप्ता से कई अहम जानकारी मिली है। कई नए नाम भी सामने आए। पुलिस अफसरों के मुताबिक, यमुना प्राधिकरण में जमीन खरीदने के प्रस्ताव तैयार करने, प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश देने वाले, मंजूरी देने, सीधे जमीन खरीदने की अनुमति पर हस्ताक्षर करने वाले सभी अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है।

इसके अलावा जिन्होंने जमीन खरीदी, रजिस्ट्री में गवाही देने वाले आदि को भी घोटाले में शामिल होने का आरोपी मानकर पूछताछ की जाएगी। सबूतों के आधार पर नाम शामिल किए जाएंगे। जमीन खरीदने वाले कुछ नाम फर्जी भी पाए गए हैं। थाना कासना के एसएचओ ने बताया कि फिलहाल केवल 126 करोड़ रुपए के घोटाले से संबंधित जांच की जा रही है। पूछताछ में जिन नए नामों की जानकारी मिल रही है, उनकी सूची तैयार कर बाद में पूछताछ की जाएगी।

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