बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना महिलाओं का कर रही यौन उत्पीड़न, लंदन में प्रदर्शन

ब्लूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा बलोच लोगों का उत्पीड़न बदस्तूर जारी है। बलोच लोगों के शोषण का मामला अब लंदन भी पहुंच चुका है। दरअसल रविवार को बलोच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) के सदस्यों ने लंदन की 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर पाकिस्तान आर्मी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान बीएनएम के सदस्यों ने ब्लूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा बलोच महिलाओं और बच्चों के साथ हो रही ज्यादतियों का मुद्दा उठाया। बीएनएम के सदस्यों ने पाकिस्तानी सेना पर बलोच महिलाओं के साथ बलात्कार करने का भी आरोप लगाया है।

बता दें कि ब्लूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा स्थानीय लोगों के शोषण का पुराना इतिहास है। दरअसल बलोच लोग पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं और इसी मांग को लेकर लंबे समय से ब्लूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना का विरोध जारी है। ब्लूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की शुरुआत साल 1948 में पहली बार हुई, उसके बाद 1958-59, 1962-63 और 1973-77 में भी बलोच लोग पाकिस्तानी सेना के खिलाफ विद्रोह कर चुके हैं। इस दौरान पाकिस्तानी सेना पर आरोप है कि उसने बड़ी संख्या में बलोच लोगों का उत्पीड़न किया है। फिलहाल साल 2000 से एक बार फिर ब्लूचिस्तान में आजादी का मांग ने जोर पकड़ा है। ब्लूचिस्तान के सबसे बड़े नेता ब्रह्मदाग बुगती फिलहाल निर्वासित जीवन बिता रहे हैं और विदेश से ही ब्लूचिस्तान की आजादी की मांग को हवा देने की कोशिश में लगे हैं।

गौरतलब है कि ब्लूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ कई संगठन भी खड़े हो गए हैं, जिनमें ब्लूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और लश्कर-ए-ब्लूचिस्तान प्रमुख हैं। ब्लूचिस्तान के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान ब्लूचिस्तान के प्राकृतिक और ऊर्जा संसाधनों का दोहन अपने फायदे के लिए करना चाहता है। वहीं चीन की महत्वकांक्षी योजना सीपेक (CPEC) भी ब्लूचिस्तान प्रांत से होकर गुजर रही है, जिसका ब्लूचिस्तान के लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। बलोच सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अनुमान के मुताबिक साल 2003 से करीब 23000 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, छात्रों, महिलाओं, वकीलों, पत्रकारों आदि का पाकिस्तानी सेना द्वारा शोषण किया है।

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