जब संसद से सीधे इंदिरा गांधी को CBI ने किया था गिरफ्तार, विरोध में कांग्रेस नेताओं ने हवाई जहाज कर लिया हाईजैक

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा साल 1975 में आज ही के दिन यानी 25 जून को इमरजेंसी लगाई गई थी। करीब 21 महीने तक चलने वाली इस इमरजेंसी को 21 मार्च 1977 के दिन खत्म किया गया था। इमरजेंसी के दौरान ही इंदिरा गांधी ने जनवरी 1977 में लोकसभा चुनाव का ऐलान कर दिया था, मार्च में जब चुनाव हुए तो जनता ने इंदिरा गांधी के हाथों से सत्ता छीन ली और जनता दल के नेता मोरारजी देसाई को देश का चौथा प्रधानमंत्री बनाया। देसाई जहां पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने थे तो वहीं चौधरी चरण सिंह केंद्रीय गृह मंत्री बने थे। इमरजेंसी के बाद से देश की हालत काफी बदल गई थी। जहां इंदिरा गांधी के हाथ से पीएम पद चला गया था तो वहीं अब मोरारजी देसाई और चौधरी चरण सिंह उन्हें जेल भेजने की तैयारी कर रहे थे।

सरकार बनने के साथ ही चरण सिंह इंदिरा गांधी को जेल भेजना चाहते थे। इंदिरा गांधी के ऊपर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए गए और इसे साबित करने के लिए शाह कमीशन का गठन किया गया। इस कमीशन को इमरजेंसी के दौरान की गई ज्याततियों की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया। 3 अक्टूबर 1977 के दिन सीबीआई के अधिकारी भ्रष्टाचार के केस में इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंचे और उन्हें हिरासत में ले लिया गया। रात भर हिरासत में रखने के बाद उन्हें दूसरे दिन कोर्ट में पेश किया गया। उनके ऊपर चुनाव प्रचार के दौरान जीपों की खरीद में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था। उनके ऊपर आरोप था कि उन्होंने प्रचार के लिए जो जीपें खरीदी थीं वह कांग्रेस के पैसों से नहीं, बल्कि सरकार के पैसों से खरीदी थीं। हालांकि इस मामले में उन्हें दूसरे ही दिन रिहा कर दिया गया।

हीं दूसरी तरफ शाह कमीशन अपनी जांच कर रही थी। पटियाला कोर्ट में शाह कमीशन की बैठक होती थी। कमीशन के सामने गवाही देने वाले ज्यादातर लोगों ने कहा था कि इमरजेंसी के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वह इंदिरा गांधी ही हैं। शाह कमीशन ने समन जारी करते हुए 9 जनवरी 1978 के दिन इंदिरा गांधी को कमीशन के सामने पेश होने का आदेश दिया। इंदिरा गांधी कमीशन के सामने गईं, लेकिन कोई बयान नहीं दिया। वहीं इंदिरा भी कर्नाटक के चिकमंगलूर से लोकसभा का उपचुनाव जीतकर एक बार फिर संसद पहुंच गईं। उसी वक्त संसद की प्रिविलेज कमेटी ने वह रिपोर्ट सदन में रख दी, जिसमें यह कहा गया था कि इंदिरा ने पीएम रहते अपने पद का गलत इस्तेमाल किया था। इसके बाद जनता सरकार ने इंदिरा गांधी की संसद की सदस्यता खत्म करने और उन्हें जेल भेजने का प्रस्ताव पास किया। इसके बाद इंदिरा गांधी को 19 दिसंबर 1978 में एक बार फिर गिरफ्तार किया गया। उन्हें संसद से ही सीबीआई के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया। इस वक्त वह एक हफ्ते के लिए दिल्ली के तिहाड़ जेल में रहीं।

कांग्रेस के नेताओं ने हवाई जहाज हाईजैक किया
इसी बीच शाह कमीशन की रिपोर्ट भी आ गई थी, जिसमें इमरजेंसी के दौरान हुई ज्यादतियों के लिए इंदिरा गांधी को दोषी ठहराया गया था। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया था कि इंदिरा के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं। 19 दिसंबर 1978 के दिन इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी से नाराज कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इंडियन एयरलाइन्स जेट को हाईजैक कर लिया था। कांग्रेस के नेता इंदिरा की जल्द रिहाई की मांग कर रहे थे।

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