गोबर से पैसा कमाने की पहल के लिए मेनका गांधी ने की गिरिराज सिंह की तारीफ, यूजर्स लेने लगे चुटकी

नरेंद्र मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी का गऊ प्रेम समय-समय पर उजागर होता रहता है। इस बार वो अपने एक ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया में चर्चा में हैं। मंगलवार (19 सितंबर) को मेनका ने ट्वीट किया, “ये जानकर खुशी हुई कि श्री गिरिराज सिंह जी गोबर से पैसा कमाने (मोनेटाइजेशन) का प्रयास करके गऊ कल्याण का काम  कर रहे हैं।” मेनका ने एक कमेंट के जवाब में आगे बताया, “हम आपसी सहयोग से गोरक्षा का व्यावहारिक तरीका खोजने पर सहमत हैं।” लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स को मेनका का ट्वीट नागवार गुजरा। भव्या ममगैन नामक यूज़र ने लिखा, “क्या सरकार में कोई भी गाय के अलावा बाकी किसी चीज के लिए काम कर रहा है? हमारे नोटों का विमुद्रीकरण (डिमोनेटाइजेशन) कर दिया और उनके “गोबर” को बिकाऊ (मोनेटाइजेशन) बनाया जा रहा है!” एक अन्य पैरोडी अकाउंट से मेनका के ट्वीट पर कमेंट किया, “गोबर को बिकाऊ बनाने से हमारी जीडीपी में उछाल आएगा, नौकरी तैयार होगी, पर्यावरण बेहतर होगा। अगर हम गोबर का निर्यात कर सके तो बहुमूल्य विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होगी।” गिरिराज सिंह के नरेंद्र मोदी कैबिनेट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री हैं।

एक यूजर ने लिखा, “गोबर को बिकाऊ बनाने से हमारी जीडीपी में उछाल आएगा, नौकरी तैयार होगी, पर्यावरण बेहतर होगा। अगर हम गोबर का निर्यात कर सके तो बहुमूल्य विदेशी मुद्रा भी प्राप्तत होगी।” एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, “मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि गिरिराजसिंहजी गोबर के मुद्रीकरण के जरिए गायों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।” एक अन्य यूजर ने कमेंट किया है, “कृपया अपने ध्यान बच्चों के मुद्दे र लगाएं? बच्चों के अपहरण का मुद्दा आपकी प्राथमिकता सूची में कहाँ है?” मौज्जम जावेद ने कमेंट किया, “हर जगह गाय ही गाय है। आदमी पर ध्यान कब देंगे?” सूरमा भोपाली नामक एक पैरोडी अकाउंट ने मेनका को गोबर को ही मुद्रा बनाने का सुझाव दिया ताकि नोटबंदी न की जा सके। इससे पहले मेनका गांधी ने गोमूत्र से बने क्लीनर से दफ्तरों की सफाई का सुझाव देने के बाद चर्चा में रही थीं।

 

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