कश्मीर, पाकिस्तान को देने के लिए तैयार थे सरदार पटेल! कांग्रेस के इस दिग्गज नेता ने किया दावा

पूर्व गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल हैदराबाद के बदले कश्मीर, पाकिस्तान को देने के लिए तैयार थे लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरु उत्सुक थे कि कश्मीर भी भारत के साथ बना रहे। कांग्रेस के दिग्गज नेता सैफुद्दीन सोज ने कश्मीर पर लिखी अपनी किताब में यह दावा किया है। किताब सोमवार (25 जून, 2018) को रिलीज हुई है। कांग्रेस ने पहले ही अपने सभी नेताओं को आगाह किया था कि वह इस इवेंट से दूरी बनाए रखें, हालांकि आलाकमान की मनाही के बाद भी पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, सोज के कार्यक्रम में शामिल हुए।

सोज की किताब ‘कश्मीर: इतिहास की झलक और संघर्ष की कहानी’ पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम द्वारा रिलीज की जानी थी। आलाकमान के निर्देश के बाद उन्होंने इस इवेंट से दूरी बनाए रखी और कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। कांग्रेस किताब में किए सोज के दावों को पहले खारिज कर चुकी है। हालांकि किताब रिलीज के मौके पर सैफुद्दीन सोज ने कहा कि कांग्रेस का किताब से कोई लेना-देना नहीं है। यह मेरी किताब है और मैं इसका जिम्मेदार हूं। पार्टी को इससे कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए।

इवेंट के दौरान नेहरु और पटेल को भारत का महान सपूत बताते हुए सोज ने कहा कि पटेल एक व्यावहारिक थे और “अच्छे विश्वास में उन्होंने कश्मीर को लियाकत अली खान को पेश किया।” लियाकत अली खान पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री थे। सोज के मुताबिक विभाजन काउंसिल में पटेल ने खान से कहा, ‘हैदराबाद-दक्कन की बात मत करो। क्या यह सड़क से या समुद्र से पाकिस्तान से जुड़ा है। उस जगह आपका दावा क्या है? आप इसे हासिल नहीं कर सकते।’

दिग्गज प्रकार कुलदीप नैय्यर, जो उस वक्त पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के प्रेस ऑफिसर थे, कहते हैं कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद शास्त्री ने कहा था कि अगर पाकिस्तान हमारे समर्थन में मदद के लिए आता…उनके सिपाहियों और हमारे सिपाहियों का खून बहता। बाद में पाकिस्तान कश्मीर मांगता तो ना करना मुश्किल होता।

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