वकील के साथ प्रेम संबंध का चला पता तो जिला जज ने अपनी बेटी को ही बनाया बंधक, हाईकोर्ट ने लतारा
बिहार में एक जिला जज ने अपनी ही बेटी को बंधक बना लिया। सिर्फ इसलिए, क्योंकि वह एक वकील के साथ प्रेम संबंध में थी। जज पिता ने इसी बात से खफा होकर बेटी को घर पर कैद कर रखा है। पटना हाईकोर्ट ने मामला सामने आने पर जज पर सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा है कि हमें शर्म आती है कि आप जैसे जज हमारे बीच में रहकर काम कर रहे हैं। जज को फटकारने के अलावा कोर्ट ने एसएसपी से कहा है कि मंगलवार (26 जून) को बंधक लड़की (24) को मुख्य न्यायाधीश के सामने पेश किया जाए।
‘प्रभात खबर’ के मुताबिक, सोमवार को मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने एक साइट पर छपी खबर पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले को लेकर निर्देश दिया कि पीड़िता को पटना लाने के लिए एसएसपी मनु महाराज साथ में दो महिला पुलिसकर्मियों को जाएं। पटना पुलिस को इसके अलावा यह भी कहा कि आवश्यकता पड़े तो उसके अभिभावकों को भी कोर्ट में पेश किया जाए। कोर्ट ने इस बाबत अधिवक्ता अनुकृति जयपुरियार को कोर्ट की मदद करने के लिए सहयोगी के रूप में नियुक्त किया है।
दरअसल, पिता के बेटी को बंधक बनाने की खबर एक न्यूज साइट पर छपी थी। कोर्ट ने उसी पर संज्ञान लेते हुए सोमवार को मामले की सुनवाई के लिए दिन तय किया था। जज सुभाष चंद्र चौरसिया की बेटी ने लॉ की पढ़ाई की है। साल 2012 से उसका सुप्रीम कोर्ट के वकील सिद्धार्थ बंसल से प्रेम-प्रसंग चल रहा है। जज पिता को पहले इस बारे में पता नहीं था, मगर जब उन्हें यह खबर मिली तो उन्होंने बेटी को घर में ही बंधक बना लिया।
बंसल ने इस मामले को डीजीपी केएस द्विवेदी के सामने रखा और उनसे मदद की गुहार लगाई थी। डीजीपी ने खगड़िया एसपी को उचित कार्रवाई के निर्देश दिया, मगर कुछ नहीं हुआ था। खगड़िया पुलिस अधिकारी मीनू कुमारी इस मामले में जज के घर पहुंची थीं, जहां उन्होंने पीड़िता की आंख पर चोट के निशान पर बर्फ लगाई थी।