आपातकाल की 43वीं बरसी पर प्रधानमंत्री मोदी का हमला, बोले: इमरजेंसी कांग्रेस का पाप, काला धब्बा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस परिवार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने इसे कांग्रेस पार्टी पाप और काला धब्बा बताया। पीएम ने मंगलवार (26 जून) को एक कार्यक्रम में कहा कि हमें लोकतंत्र के प्रति समर्पण को याद करते रहना चाहिए। हम सिर्फ कांग्रेस की आलोचना करने के लिए आज काले दिवस पर चर्चा नहीं कर रहे, बल्कि हमारा मकसद देश के युवाओं को यह बताना है कि आखिर तब क्या हुआ था।
मंगलवार को देश में आपातकाल की 43वीं बरसी मनाई गई। मुंबई में आयोजित विचार संबोधन सभा में पीएम ने बताया कि कांग्रेस में आज भी नामदार वाली मानसिकता है। उसमें हम वाली मानसिकता है। वह आज भी आपातकाल वाली मानसिकता से ग्रसित है। सत्ता सुख में एक परिवार को बचाने के लिए तब देश में आपातकाल लगाया गया था।
बकौल मोदी, “देश ने कभी सोचा भी नहीं था कि महज सत्ता की भूख और एक खास परिवार को बचाने के लिए भारत को एक बड़ी जेल बना दिया जाएगा। हर किसी को तब डराया गया था। संविधान का तब गलत तरीके से इस्तेमाल हुआ था। युवाओं को इस बारे में रत्ती भर भी नहीं पता कि तब क्या हुआ था। वे नहीं जानते होंगे कि आखिर आजादी के बिना कैसे रहा जाता है।”
मोदी ने कांग्रेस की मानसिकता पर कहा, उन्होंने (कांग्रेस) कभी सोचा नहीं होगा कि कोर्ट में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराया जाएगा और उन्हें जमानत की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में वे न्यायपालिका को महाभियोग लाकर डराना चाहते हैँ। यह दर्शाता कि उनकी मानसिकता अभी भी इमरजेंसी के दौरान वाली है।
पीएम ने आगे वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर की तारीफ भी की। कहा, “नैय्यर ने भी आपातकाल के खिलाफ आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था। भले ही वह हमारे कड़े आलोचक हों, मगर मैं उन्हें इसके लिए सलाम करता हूं।” आपातकाल की स्थिति को लेकर पीएम ने एक उदाहरण भी दिया। बोले, “किशोर कुमार जी ने जब उनके (कांग्रेस) लिए गाने से मना कर दिया, तो उनके गाने-फिल्में रेडियो पर प्रसारित करने के लिए मंजूरी पर रोक लगा दी गई थी।”
मोदी के मुताबिक, जिस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं होता है, उससे लोकतंत्र की आदर्श स्थिति का पालन करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। जिन लोगों ने जब संविधान का गलत इस्तेमाल किया और देश के लोकतंत्र को जेल में बंद किया, वे ही आज इस बात का खौफ फैला रहे हैं कि मोदी संविधान में दखल देंगे।