अपने ही बयान से पलटे कुमारस्वामी, अब बोले- किसी की दया से नहीं बना हूं सीएम
कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन वाली सरकार के मतभेद अब खुलकर सामने आने लगे हैं। कुछ समय पहले अपने बयान में कर्नाटक के मुख्यमंत्री और जेडीएस प्रमुख एचडी कुमारस्वामी ने कहा था कि वह कांग्रेस की दया पर हैं, जिसने उन्हें कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया है। अब एचडी कुमारस्वामी अपने उस बयान से पलटते दिखाई दे रहे हैं। दरअसल एचडी कुमारस्वामी ने अपने ताजा बयान में कहा है कि ‘मैं यहां किसी की दया पर नहीं हूं। ऐसा नहीं है कि किसी ने सीएम की कुर्सी मुझे चैरिटी में दी है।’ दरअसल कुमारस्वामी का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैय्या का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपने समर्थकों के साथ एक सीक्रेट मीटिंग करते नजर आ रहे हैं।
बता दें कि कर्नाटक में इन दिनों कांग्रेस और जेडीएस के बीच बजट पेश करने को लेकर मतभेद चल रहे हैं। जेडीएस जहां नया बजट पेश करना चाहती है, वहीं कांग्रेस, सिद्धारमैय्या सरकार के कार्यकाल में पेश किए गए बजट को ही आगे बढ़ाने की मांग कर रही है। यही वजह है कि इन दिनों एचडी कुमारस्वामी और सिद्धारमैय्या में ठनी हुई है। वायरल हो रहे वीडियो में सिद्धारमैय्या यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि ऐसा लगता है कि वह (जेडीएस) नया बजट पेश करने वाले हैं। अपने कार्यकाल के बजट को लागू करने के पक्ष में सिद्धारमैय्या का तर्क दे रहे हैं कि वह हमारे समर्थन से सीएम बने हैं और हम पहले से ही एक बजट पेश कर चुके हैं।
एचडी कुमारस्वामी के ताजा बयान को भी सिद्धारमैय्या के इसी वीडियो पर प्रतिक्रिया माना जा रहा है। गौरतलब है कि कुमारस्वामी चाहते हैं कि उनकी सरकार नया बजट पेश करे और जो उन्होंने चुनावों के दौरान जनता से वादे किए थे, वह उन्हें पूरा कर सकें, ताकि आगे चलकर उन्हें इसका फायदा मिले। जेडीएस सरकार के वादों में एक किसानों का कर्ज माफी का वादा भी था। कहा जा रहा है कि जेडीएस सरकार द्वारा किसानों का कर्ज माफ करने पर राज्य सरकार के खजाने पर 10000 करोड़ का भार पड़ेगा। वहीं सिद्धारमैय्या फिलहाल किसानों की कर्जमाफी के फैसले के खिलाफ हैं। सिद्धारमैय्या की कोशिश है कि उनके द्वारा पेश किए गए बजट को ही लागू किया जाए, ताकि उनकी कई महत्वकांक्षी योजनाएं चालू हो सकें। साथ ही सिद्धारमैय्या को यह भी लगता है कि यदि जेडीएस सरकार नया बजट लाती है तो इससे राज्य की जनता के बीच उसकी पकड़ मजबूत हो सकती है। यही वजह है कि फिलहाल कर्नाटक में दोनों पार्टियों के बीच खींचतान जारी है।