कर्नाटक के कॉलेज ने हिजाब पहनने पर लगाया बैन, भड़का छात्राओं का गुस्सा
कर्नाटक में एक कॉलेज ने हिजाब पर बैन लगा दिया। छात्र-छात्राओं के बीच जैसे ही यह फरमान आया, उनका गुस्सा भड़क उठा। सोमवार (25 जून) को इसी बाबत मेंगलुरू स्थित सेंट एग्नेस कॉलेज के बाहर मुस्लिम छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया। आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने कक्षाओं के भीतर उनके हिजाब पहनने पर रोक लगा दी है। कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया नाम के संगठन का इस मामले पर कहना है, “हिजाब हमारी गरिमा को दर्शाता है। यह हमारी रक्षा करता है। आप उसे हटाने वाले कौन होते हैं?”
फातिमा नाम की छात्रा ने सवाल किया, “हमें अब से इस साल कॉलेज में हिजाब नहीं पहनने दिया जाएगा। हमारा संविधान और सरकार जब हमें उसे पहनने की आजादी देते हैं, तब कॉलेज यह अधिकार कैसे छीन सकता है? ऐसे में कॉलेज की सभी मुस्लिम छात्राएं तब तक कक्षाएं नहीं लेंगी, जब तक संस्थान अपने फैसले को पलटता नहीं।”
फातिमा ने हैरानी जताते हुए बताया कि एक तरफ तो संस्थान धर्म निरपेक्षता की बात करता है, जबकि दूसरी वह इस तरह का फरमान सुनाता है। वहीं, कैंपस फ्रेंट ऑफ इंडिया की राज्य इकाई से जुड़े रियाज ने कहा कि मुस्लिम छात्राओं का एक प्रतिनिधिमंडल दो दिनों पहले इस मामले को लेकर प्राचार्य से मिला था, ताकि शांतिपूर्ण ढंग से इसे हल किया जा सके।
हालांकि, प्राचार्य या फिर अन्य फैकल्टी में किसी ने भी छात्राओं से बात नहीं की। सोमवार सुबह छात्राओं ने टीचिंग स्टाफ से भी इस बारे में बात करनी चाही, मगर उन्होंने अधिक व्यस्त होने की बात कर कर छात्राओं को टरका दिया।
पूरे विवाद के बीच संस्थान ने इस मामले पर कहा है कि हर छात्र का सम्मान करने के लिए उस फरमान को जारी किया गया था। कॉलेज के मुताबिक, “सेंट एग्नेस कॉलेज अल्पसंख्यकों के लिए शैक्षणिक संस्थान, जो कि मुस्लिम महिलाओं पर अधिक जोर देता है। हम हर छात्र का सम्मान करते हैं। प्रबंधन ने कुछ नियम-कायदे बनाए हैं, ताकि चीजें सही तरीके से चलें।”
कॉलेज ने आगे कहा, “नियमानुसार, छात्राओं को कक्षाओं के भीतर हिजाब नहीं पहनने दिया जाएगा। हालांकि, हमें इस पर कोई दिक्कत नहीं है कि वे कॉलेज के बाहर हिजाब पहनें। कॉलेज में दाखिले से पहले छात्र-छात्राओं व अभिभावकों को इस नियम से अवगत करा दिया जाता है। फिर भी कुछ छात्रों ने इसे लेकर प्रदर्शन किया। अगर किसी छात्र को दिक्कत है, तो प्रबंधन उसकी समस्या का हल निकालेगा।”