समय पूर्व होंगे लोकसभा चुनाव? 47 साल बाद नागपुर में होनेवाले मानसून सत्र में छिपे हैं संकेत!
वैसे तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का पांच साल का कार्यकाल अगले साल मई में पूरा होगा लेकिन चर्चा है कि उससे पहले ही सरकार समय पूर्व चुनाव करा सकती है। रेडिफ.कॉम के मुताबिक इस बात की चर्चा है कि मोदी सरकार दिसंबर 2018 में ही लोकसभा चुनाव करा सकती है। इस सिलसिले में एक खबर इस चर्चा को और अधिक हवा दे रही है कि महाराष्ट्र विधान सभा का मानसून सत्र 47 साल बाद नागपुर में होने जा रहा है। सामान्यत: मानसून सत्र मुंबई स्थित विधान सभा में ही होता रहा है और नागपुर में शीतकालीन सत्र लेकिन 47 साल बाद यह परंपरा पलटने जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र विधान भवन का मानसून सत्र का आगाज 4 जुलाई को होगा जो 20 जुलाई तक चलेगा। इससे पहले साल 1961, 1966 और 1971 में नागपुर में मानसून सत्र हो चुका है। ऐसा कहा जाता है कि साल 1966 और 1971 में जब नागपुर में शीतकालीन सत्र नहीं हुआ तब उस साल मानसून सत्र के बाद ही चुनाव करा लिए गए थे। नागपुर पैक्ट-1953 के मुताबिक नागपुर को राज्य की दूसरी राजधानी का दर्जा हासिल है, जहां साल में एक बार विधान सभा का सत्र बुलाने का प्रावधान है लेकिन पैक्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि वहां शीतकालीन सत्र बुलाया जाएगा या बजट सत्र या फिर मानसून सत्र। बता दें कि नागपुर में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय है। इसके अलावा दलितों का केंद्र और दीक्षाभूमि भी यहीं है। यह इलाका महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के तहत आता है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2018 में ही चार राज्यों में विधान सभा चुनाव होने हैं। इनमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम शामिल है। हालांकि, इन राज्यों में चुनावी फिजा बनने लगी है लेकिन मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम से इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि देश में राष्ट्रीय स्तर पर चुनावी माहौल नहीं बन रहा है। बीजेपी ने जिस तरह से आपातकाल को राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनाया है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण पर सकारात्मक बयान दिया है, उससे वोटरों का ध्रुवीकरण तेजी से होना शुरू हो चुका है। बीजेपी के अलावा कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां भी चुनावी कैम्पेन मोड में आ गई हैं।