उत्तराखंड: पढ़ाई और वेशभूषा का स्तर सुधारने पर जोर
उत्तराखंड के सरकारी स्कूल-कॉलेजों के बच्चों का शैक्षिक स्तर सुधारने के साथ-साथ उनकी वेशभूषा का स्तर भी सुधारा जाएगा। अब उत्तराखंड के सरकारी स्कूल-कॉलेजों के बच्चे जानी-मानी कंपनियों की स्कूली वर्दी पहनेंगे, ताकि सरकारी स्कूलों के बच्चों का रौबदाब किसी भी स्तर पर निजी पब्लिक अंग्रेजी स्कूलों के बच्चों से किसी भी दशा में कम न हों। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए अब कुछ वस्त्र निर्माता कंपनियों से सरकारी खर्चे पर स्कूली वर्दी बनवाई जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने दो बड़ी कपड़ा कंपनियों से एक समझौता किया है। इसके तहत सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए जो वर्दी राज्य सरकार बनवाएगी, उसमें आधा पैसा ये दोनों कंपनियां देंगी और आधा पैसा राज्य सरकार देगी।
इन दो कंपनियों के अलावा राज्य सरकार की सरकारी स्कूलों के बच्चों को वर्दी मुहैया कराने के लिए अन्य कंपनियों से भी बातचीत चल रही है। सरकारी स्कूलों के बच्चों की पोशाक में उत्तराखंड की लोक संस्कृति की भी झलक देखने को मिलेगी। राज्य के सरकारी स्कूलों में ड्रेस कोड लागू होने से एकरूपता आएगी। अब सूबे के सभी सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राएं एक सी पोशाक में नजर आएंगे। छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने शैलेश मटियानी शिक्षक पुरुस्कार के लिए सूबे के सभी तेरह जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का फैसला लिया है, जो योग्य शिक्षकों की तालश कर राज्य सरकार को उनके नाम भेजेगी, जिन्हें उत्तराखंड की राजधानी में एक बड़े समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
शिक्षकों की कमी दूर की जाएगी
राज्य सरकार ने सरकारी स्कूल-कॉलेजों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए भी कई कदम उठाने की घोषणा की है। प्रदेश के नवोदय विद्यालयों की 60 फीसद सीटों पर अब केवल सरकारी स्कूलों से पढाई करने वाले छात्र-छात्राओं को ही दाखिला मिलेगा।
संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य सरकार इसके साथ-साथ राज्य सरकार संस्कृत शिक्षा को बढावा देने के लिए पतंजलि योगपीठ की सहायता से राज्य में दो आवासीय संस्कृत महाविद्यालय खोलेगी। दो हजार छात्र छात्राओं की क्षमता वाले इन महाविद्यालयों का संचालन करने के लिए पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण और उत्तराखंड के विद्यालयी और संस्कृत शिक्षामंत्री अरविंद पांडेय के बीच पीपीडी मोड पर एक संयुक्त समझौता हुआ है।