Surgical Strike पर कांग्रेस का वार, रणदीप सुरजेवाला बोले- सेना के बलिदान को वोट में बदलने की कोशिश न करे सरकार
सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा है। गुरुवार (28 जून) को पार्टी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि सरकार सेना के बलिदान को वोट में बदलने की कोशिश न करे। सेना का शौर्य गर्व का विषय जरूर है, मगर इस पर राजनीतिक रोटियां न सेंकी जाएं। यूपीए के काल में भी सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी। मगर उसका महिमामंडन नहीं किया गया।
सुरजेवाला की ये टिप्पणियां तब आई हैं, जब जम्मू-कश्मीर के उड़ी में 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो पहली बार सामने आया। भारतीय सेना ने 29 सितंबर 2016 को लाइन ऑफ कंट्रोल पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया था। हालांकि, अभी तक सेना ने इस वीडियो को लेकर कोई पुष्टि नहीं की है।
कांग्रेसी नेता ने इसी वीडियो को लेकर सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा, “छद्म राष्ट्रवादियों ने देश की सेना का अपमान किया है। सेना के शौर्य को सियासी तौर पर भुनाने का प्रयास किया जा रहा है। 56 इंची सीना झूठे तौर पर दिखाने की कोशिश न की जाए।”
बकौल सुरजेवाला, “मोदी सरकार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद रोकने में सरकार नाकाम है। 56 इंची सीना पाक को वह कब दिखाएंगे? सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के फैसले खामोशी से लेती है। यही नहीं, सरकार सेना से भेदभाव भी करती है। बताए कि आखिर सेना की कैंटीन पर जीएसटी क्यों लगाया गया?”
सुरजेवाला के अनुसार, “मोदी सरकार ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे का शोषण कर रही है और सर्जिकल स्ट्राइक के माध्यम से वोट भुनाना चाहती है। राष्ट्र उनसे जानना चाहता है कि अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में उनकी तरह कभी क्या कभी सेना के ऑपरेशंस का महिमामंडन किया था?”
सुरजेवाला के अनुसार, “मोदी सरकार ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे का शोषण कर रही है और सर्जिकल स्ट्राइक के माध्यम से वोट भुनाना चाहती है। राष्ट्र उनसे जानना चाहता है कि अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में उनकी तरह कभी क्या कभी सेना के ऑपरेशंस का महिमामंडन किया था?”
कांग्रेसी प्रवक्ता ने आगे बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो जारी करने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि देश सेना का सम्मान करता है। यह पूछे जाने पर कि कुछ राजनीतिक दलों ने सवाल कर सबूत मांगा था, इस पर कांग्रेस प्रवक्ता टालमटोल कर गए। याद दिला दें कि मोदी कार्यकाल में हुई सर्जिकल स्ट्राइक पर न सिर्फ पाकिस्तान ने सवालिया निशान लगाए थे, बल्कि देश के कई नेताओं ने भी प्रश्न खड़े किए थे। कांग्रेस के संजय निरुपम और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम भी उनमें शामिल थे।