तीस हजारी अदालत में पति ने पत्नी और बेटे पर किया चाकू से हमला

तीस हजारी अदालत में गुरुवार दोपहर उस समय अफरातफरी का माहौल बन गया, जब सुनवाई करने के लिए आई एक महिला को उसके पति ने चाकू मार घायल कर दिया। बीच-बचाव करने के लिए आरोपी ने अपने बेटे को भी चाकू से घायल कर दिया। पुलिस ने महिला को पास के अरुणा असफ अली अस्पताल में भर्ती करा दिया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। हालांकि, सूचना मिलने पर सब्जी मंडी थाना पुलिस ने आरोपी पति नरेंद्र सैनी को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की छानबीन कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, बिंपी सैनी अपने दो बच्चों के साथ पटेल नगर में रहती है। बिंपी की करीब 12 साल पहले त्रिनगर निवासी नरेंद्र सैनी से शादी हुई थी। नरेंद्र की मिठाई की दुकान है। आरोप है कि शादी के बाद पति-पत्नी के बीच झगड़ा होने लगा। नरेंद्र को नशे की लत है। बिंपी का आरोप है कि छोटी-छोटी बातों पर नरेंद्र उसको बुरी तरह पीटता था। परेशान होकर पीड़िता ने करीब डेढ़ साल पहले तीस हजारी अदालत में तलाक की अर्जी लगा दी। आरोपी ने भी कोर्ट में अपने बच्चों की कस्टडी की याचिका दायर कर दी। दोनों का मामला कोर्ट में विचाराधीन था। गुरुवार दोपहर दो बजे कोर्ट नंबर-आठ में मामले की सुनवाई थी।

बिंपी की वकील निधि ने बताया कि बिंपी और नरेंद्र कोर्ट रूम के बाहर आकर खड़े हो गए। आरोप है कि वहां बहस के दौरान आरोपी ने चाकू निकाल कर बिंपी पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। बिंपी के शरीर पर चार-पांच जगह चाकू लगे। इस बीच उनके बेटे को भी चाकू लग गया। तभी वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़ लिया और अदालत में तैनात पुलिस के हवाले कर दिया।

पत्नी को सीढ़ियों से धक्का देने के जुर्म में तीन महीने की कैद
शराब के नशे में अपनी पत्नी को सीढ़ियों से धक्का देकर गंभीर रूप से जख्मी करने वाले एक व्यक्ति को दिल्ली की एक अदालत ने तीन महीने की कैद सुनाई है। अपने कृत्य को लेकर उस व्यक्ति को पछतावा होने के मद्देनजर अदालत ने नरम रवैया अपनाया। अदालत ने उसे तीन महीने और 12 दिन की सजा सुनाई। यह अवधि वह मुकदमे के दौरान पहले ही जेल में बिता चुका है। अदालत ने इस बात पर गौर किया कि घटना के तुरंत बाद पीड़िता और उसकी बेटी उससे अलग हो गर्इं।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार गुलिया ने कहा कि दोषी का बेदाग रिकॉर्ड है और ऐसा लगता है कि उसने अपनी आदतें सुधार ली हैं। उन्होंने कहा-साथ ही ऐसा लगता है कि उसे अपने कृत्य पर पछतावा भी है। दोषी को उस अवधि के लिए सजा सुनाई जाती है जो वह पहले ही जेल में बिता चुका (तीन महीने और 12 दिन) है। अभियोजन पक्ष के अनुसार प्राथमिकी पीड़िता की शिकायत पर दर्ज की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 16 अप्रैल 2016 को शिकायतकर्ता के पति ने शराब के नशे में उसके साथ गाली-गलौज शुरू कर दी और जब उसने इसका विरोध किया तो उसने मारपीट की।

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