बिहार: जेडीयू ने अब झारखंड, राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़, और एमपी में भी मांगी सीटें, सीएम नीतीश कुमार की पार्टी ने तैयार किया ये प्‍लान

बिहार में भाजपा के साथ सत्ता की साझेदार जेडीयू ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भाजपा उन्हें 2019 के लोकसभा चुनावों में बिहार में उन्हें सम्मानित संख्या में सीटें देगी। इसके अलावा कुछ सीटें उन्हें झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ मेंं भी मिलनी चाहिए। ये जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नी​तीश कुमार के ‘बिहार प्लस प्लान’ को साकार करने में मदद करेगा। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा,”भाजपा को लोकसभा चुनावों में नीतीश कुमार की अधिकतम सेवाएं लेनी चाहिए। न सिर्फ बिहार में ​बल्कि अन्य राज्यों में भी। हमें बिहार के अलावा अन्य राज्यों जैसे झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी सम्मानित संख्या में सीटें दी जानी चाहिए। ये हमारे ‘बिहार प्लस’ के विचार को पुष्ट करेगा।

त्यागी से पूछा गया कि क्या जदयू भाजपा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के अपने रवैये पर अडिग रहेगी? इस पर उन्होंने कहा,”हम ज्यादा या बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे ये टॉप लेवल के नेताओं की बातचीत में तय होगा। हम सिर्फ भाजपा को एनडीए में रहते हुए नीतीश कुमार के नेतृत्व में साल 2009 के लोकसभा और साल 2010 में लड़े गए विधानसभा चुनावों की याद दिलाना चाहते हैं। मुझे उम्मीद है कि भाजपा प्रमुख अमित शाह और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार जब साथ बैठकर गंभीर मुद्दों पर चर्चा करेंगे तो समाधान जरूर निकलेगा।” वैसे बता दें कि अमित शाह जुलाई के दूसरे हफ्ते में बिहार यात्रा की योजना बना रहे हैं।

वहीं एक अन्य वरिष्ठ जदयू नेता ने कहा कि राजद के साथ जदयू की बढ़ती नजदीकी की खबर पूरी तरफ से निराधार है। मुंबई में फिस्टुला के आॅपरेशन के बाद भर्ती राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को सीएम नीतीश कुमार की सौजन्य कॉल के कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। वहीं कांग्रेस के नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी में बिहार के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने बयान दिया है कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है तो बिहार को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। जदयू नेता ने बताया कि ये कांग्रेस का बड़ा दांव है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नीतीश कुमार की बेहद पुरानी मांग है। ऐसे दांव कई बार काम आ जाते हैं।

एक अन्य जदयू नेता ने कहा,”जदयू सीटों पर बात करने के मामले में अंतिम क्षणों तक इंतजार नहीं करना चाहती है। ज्यादा देर करने से उन्हें उसी स्थिति में जाना पड़ेगा जब या तो उन्हें भाजपा की दी हुई सीटों को स्वीकार करना होगा या फिर अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला करना होगा। ये जदयू को उसी राजनीतिक आत्महत्या की तरफ ढकेल देगा, जो उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में झेला था।” वैसे बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू 20 सांसदों से दो सांसदों पर आ गई थी।

ताजा हालात पर एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा,”इस बात का कोई सवाल ही नहीं उठता है कि कांग्रेस वफादार लालू प्रसाद को छोड़कर वादा खिलाफ नीतीश कुमार का समर्थन करे। लालू प्रसाद के पास बिहार में ठोस जनसमर्थन है। गोहिल का बयान पूरी फिल्म का सिर्फ ट्रेलर भर है। वहीं भाजपा नेता और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा,”सीटों की साझेदारी पर चर्चा शीर्ष स्तर की बात से तय होगी। हमारा गठबंधन पहले की ही तरह मजबूत और टिकाऊ बना रहेगा।”

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